महाराष्ट्र में सरकार गठन पर गतिरोध खत्म होता नजर नहीं आने के बीच राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने बृहस्पतिवार को सुझाव दिया कि शिवसेना को मुख्यमंत्री पद के लिए दावा करना चाहिए. पूर्व शिवसेना नेता भुजबल ने कहा कि अगर वह (शिवसेना) समर्थन मांगती है तो कांग्रेस और राकांपा ‘‘सकारात्मक रूप’’ से विचार करेंगी. भुजबल ने 1990 के दशक में शिवसेना छोड़ दी थी. भुजबल ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने चुनाव परिणाम आने के एक दिन बाद कहा था कि शिवसेना को फैसला करना चाहिए कि उसे मुख्यमंत्री का पद चाहिए या उपमुख्यमंत्री का...उसे साहस दिखाना चाहिए और मुख्यमंत्री पद का दावा करना चाहिए...जब वह कोई प्रस्ताव (समर्थन मांगने) भेजेगी, तो कांग्रेस-राकांपा निश्चित तौर पर सकारात्मक रूप से विचार करेंगी.’’
दोनों दलों के बीच बनी सहमति लागू हो: उद्धव ठाकरे
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह भाजपा के साथ गठबंधन खत्म नहीं करना चाहते लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले दोनों दलों के बीच बनी सहमतियों को लागू कराना चाहते हैं. ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ पर आज हुई बैठक में महाराष्ट्र में सरकार गठन पर अंतिम निर्णय लेने के लिए शिवसेना विधायकों ने उन्हें अधिकृत किया. उसके बाद पार्टी के सभी विधायकों को बांद्रा के एक होटल में भेज दिया गया. शिवसेना का यह कदम संकेत देता है कि उसे भाजपा के साथ चल रहे गतिरोध के बीच अपने विधायकों को तोड़े जाने की कोशिशों की आशंका है. शिवसेना विधायक सुनील प्रभु ने बैठक के बाद कहा, ‘‘सभी विधायकों के लिए मौजूदा हालात में एक होना जरूरी है. उद्धवजी जो फैसला लेंगे, हम सभी के लिए बाध्यकारी होगा.’’
मातोश्री में चली एक घंटे से ज्यादा समय तक बैठक
एक घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में विधायकों ने पदों और जिम्मेदारियों के बराबर बंटवारे का फॉर्मूला दोहराया जिस पर लोकसभा चुनाव से पहले सहमति बनी थी. शिवसेना अपनी इस मांग पर कायम रही कि दोनों दलों को ढाई-ढाई साल बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद संभालना चाहिए. विधायक शंभुराजे देसाई ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शिवसेना विधायकों ने सरकार गठन के संबंध में अंतिम निर्णय लेने के लिए उद्धवजी को अधिकृत करने का प्रस्ताव पारित किया.’’ पार्टी के एक और विधायक अब्दुल सत्तार ने कहा, ‘‘अगला मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा.’’
Source : भाषा