Maharashtra: देश के 5 राज्यों में चल रहा चुनाव किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए सेमी फाइनल मैच से कम नही है. इस चुनाव का परिणाम ना सिर्फ उस पार्टी को राज्य की ताजपोशी का हकदार बना देगी बल्कि यह भी तय कर देगा कि जनता का मूड क्या है और देश में राजनीति की लहर किस तरफ है. इस बीच महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने बीजेपी के समर्थन में बड़ा ऐलान कर दिया है. शिंदे की सेना ने सभी चुनावी राज्यों में बीजेपी का साथ देने का निर्णय लिया है. और पांचों राज्यों में मौजूदा शिवसेना की इकाई को पूरे दमखम से चुनावी मैदान में उतार दिया है.
बीजेपी को मिला शिवसेना का साथ, क्या बनेगी बात ?
भारत के अधिकांश राज्यों में शिवसेना पार्टी यूनिट बेहद सक्रिय है. बीजेपी और शिवसेना ये दोनों ही पार्टी हिंदुत्व की विचारधारा वाली पार्टी है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने सभी राज्य इकाइयों को औपचारिक तौर पर बीजेपी प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार में उतार दिया है. एकनाथ शिंदे ने चुनावी राज्यों में मौजूद अपने सभी कार्यकर्ता और नेताओं को बीजेपी के चुनावी कैंपेन का हिस्सा बनने को कहा है. सवाल ये है कि शिंदे का साथ मिलने से क्या बीजेपी को फायदा होगा ? राजनीति के पंडितों की मानें तो शिवसेना एक पुरानी पार्टी है और देश के सभी राज्य में शिवसैनिकों का अच्छा खासा वर्चस्व है. ऐसे में अगर शिवसेना बीजेपी के साथ कदम से कदम मिलाकर चुनावी मैदान में उतरती है तो इसका फायदा बीजेपी को जरूर होगा.
एकनाथ शिंदे की बढ़ती लोकप्रियता से बीजेपी की बढ़ी ताक़त
एकनाथ शिंदे ने पिछले साल जून के महीने में उद्धव ठाकरे से खुद को अलग करके महाराष्ट्र की मौजूदा महाविकास आघाडी की सरकार को गिरा दिया था. मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही एकनाथ शिंदे लगातार लोगों के बीच पूरे महाराष्ट्र का दौरा करते दिखाई दे रहे हैं. लिहाजा महाराष्ट्र के हर कस्वे, गांव, शहर में उनकी लोकप्रियता बढ़ती दिखाई दे रही है इसी का असर हाल ही में हूए ग्राम पंचायत चुनाव में भी दिखाई दिया. लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र ग्राम पंचायत में सत्ताधारी दल (बीजेपी+शिवसेना+एनसीपी) के पक्ष में एकतरफा नतीजों ने साबित कर दिया है कि एकनाथ शिंदे की ताकत सिर्फ उनके गढ़ ठाणे में ही नही बल्कि पूरे महाराष्ट्र में बढ़ी है.
एकनाथ शिंदे के सामने उद्धव ठाकरे पड़े कमज़ोर
सोमवार 6 नवंबर को ग्राम पंचायत के 2208 सीटों पर आए नतीजों में बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी की महायुति ने 1336 जगहों पर जीत का परचम लहराया है. जबकि कांग्रेस, शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट और शरद पवार की एनसीपी को मात्र 526 जगहों पर जीत मिली है. दिलचस्प बात ये है की इन नतीजों में शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट को जहां 110 जगहों पर क़ामयाबी मिली तो वहीं एकनाथ शिंदे की नेतृत्व वाली शिवसेना को 289 जगहों पर जीत मिली.
इन नतीजों से साफ है की शिंदे सरकार को महाराष्ट्र की जनता का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है. और बीते करीब डेढ़ साल में एकनाथ शिंदे की प्रसिद्धि ना सिर्फ महाराष्ट्र में बल्कि पूरे देश में बढ़ी है. लिहाजा मौजूदा चुनावी माहौल में एकनाथ शिंदे का साथ मिलने से बीजेपी के प्रत्याशीयों की ना सिर्फ ताक़त बढ़ेगी बल्कि 5 राज्यों के चुनावी नतीजों पर भी इसका असर दिखाई देगा.
Source : Pankaj R Mishra