मुंबई में जेएनयू में हुए हमले के विरोध में प्रदर्शन के दौरान एक युवती द्वारा ‘कश्मीर की आजादी’ संबंधी पोस्टर लहराने पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधने वाले पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की शिवसेना ने गुरुवार को आलोचना की. मुंबई की रहने वाली मराठी युवती महक प्रभु ने जो पोस्टर ले रखा था उस पर ‘फ्री कश्मीर’ लिखा था. इस बारे में शिवसेना ने कहा कि इसे विपक्ष ने देशद्रोह बताया और ‘गैर जिम्मेदारी का इससे खराब उदाहरण कुछ और नहीं हो सकता.’
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शिवसेना ने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा कि उस पोस्टर से विपक्ष के नेता हैरान रह गए और उनमें राष्ट्रवाद का भाव जाग उठा. इसमें कहा गया, ‘उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमला किया और पूछा कि उनकी नाक के नीचे इस तरह की राष्ट्र विरोधी गतिविधियां कैसे संभव हुई. यह आरोप इतना तुच्छ है कि इससे विपक्ष के नेता हंसी के पात्र बन गए.’ शिवसेना ने कहा, ‘यह राज्य के लिए अच्छा नहीं है...विपक्ष के लिए हमें चिंता हो रही है.’
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फडणवीस ने पूछा था कि आखिर यह प्रदर्शन हो किस लिए रहा है और क्या मुख्यमंत्री अपनी नाक के नीचे इस भारत विरोधी अभियान को बर्दाश्त करेंगे. उन्होंने कहा, ‘मुंबई की मराठी महिला कश्मीरियों के दर्द को समझती है. विपक्ष इसे देशद्रोह मानता है. गैरजिम्मेदारी का इससे खराब उदाहरण कुछ नहीं हो सकता. अगर विपक्ष और उसके समर्थकों को ऐसा लगता है कि बेखौफ होकर खुद को अभिव्यक्त करना देशद्रोह है तो यह उनके (विपक्ष) और देश के लिए अच्छा नहीं है. महक प्रभु के स्पष्टीकरण के बाद विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी है.’ संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि वह फडणवीस का दर्द समझते हैं, उन्हें अपने जख्मों पर बाम लगाना चाहिए और कुछ वक्त के लिए मुंह बंद रखना चाहिए.