जम्मू-कश्मीर में हालात हर पल बदल रहे हैं. सोमवार सुबह 9.30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि इस बैठक में जम्मू-कश्मीर को लेकर कुछ अहम फैसला हो सकता है. इससे पहले राज्य के प्रमुख नेताओं को रविवार देर रात घर में नजरबंद करने के साथ ही इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. राज्य में जारी इस उठापटक के बीच शिवसेना का बयान भी सामने आया है जिसमें पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ की है.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है ,'आतंकवादियों के डर से सरकार ने अमरनाथ यात्रियों को रोक दिया है और यह फैसला क्यों लिया गया इसका पता भविष्य में चलेगा.' सामना में लिखा गया, ऐसा पहली बार हुआ है कि जब कोई गृह मंत्री जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गए और उनका कोई विरोध नहीं हुआ. आतंकवादियों ने उन्हें देखकर दुम दबा ली.
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सामना में लिखा गया, केंद्र में कांग्रेस या हिंदू विरोधी सरकार नहीं है. आतंकियों के सफाए के लिए केंद्र की मोदी सरकार हमेशा प्रयासरत है उसमें कोई शक नहीं है. कश्मीर में जारी गहमागहमी के बीच सरकार क्या कदम उठाने वाली है इस पर गोपनीयता बरकरार है, ठीक वैसे ही जैसे नोटबंदी के समय थी. शिवसेना ने सामना में कहा, अगर बीजेपी सरकार आतंकी विरोधी कार्रवाई के लिए कुछ कड़े कदम उठाने जा रही है तो उसे बिल्कुल आगे बढ़ना चाहिए.
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सामना में लिखा गया कि इस भ्रम से निकला होगा कश्मीर का मुद्दा संवाद या चर्चा से दूर हो सकता है. वहीं महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने लिखा, 'उन्हें लगता है कि आर्टिकल 35A हटाने के लिए सरकार ने सेना भेजी है, इस धारा को हटाना मोदी का कर्तव्य है. महबूबा मुफ्ती और अलगाववादियों कि भाषा आतंकवादियों कि तरह है. अमित शाह को इसे सहन नहीं करना चाहिए.'