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Maharashtra: शिवाजी की प्रतिमा गिरने के मामले में मूर्तिकार गिरफ्तार, पत्नी ने दी थी पुलिस को सूचना

Maharashtra News: छत्रपति शिवाजी की मूर्ति गिरने के मामले में पुलिस ने मूर्तिकार जयदीप आप्टे को गिरफ्तार कर लिया है. सिंधुदुर्ग में शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के मामले में यह दूसरी गिरफ्तारी है.

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Yashodhan.Sharma
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महाराष्ट्र के राजकोट किले में 35 फीट ऊंची छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में फरार चल रहा मूर्तिकार जयदीप आप्टे गिरफ्तार हो गया है. पुलिस ने बुधवार रात को ठाणे जिले के कल्याण से पकड़ा है. 39 वर्षीय मूर्तिकार जयदीप आप्टे कल्याण में ही एक आर्ट कंपनी चलाता है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग पुलिस जयदीप आप्टे की तलाश कर रही थी, क्योंकि उसके द्वारा बनाई गई मूर्ति 26 अगस्त को उद्घाटन के नौ महीने से भी कम समय में धाराशाही हो गई थी.

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बता दें कि मूर्तिकार आप्टे 10 दिनों से पुलिस के रडार से बाहर चल रहा था. पुलिस ने उसकी तलाश के लिए सात टीमें बनाई थीं. उसकी आखिरी लोकेशन 10 दिन पहले मालवान के पास उसके दोस्त के साथ मिली थी. उसने जहां मूर्ति गिरी थी, उस जगह का दौरा किया था. आप्टे को बुधवार को उनके घर के बाहर से गिरफ्तार किया गया. सूत्रों के मुताबिक आरोपी की पत्नी ने ही पुलिस को उसके आने की टिप दी थी. 

2019 में आप्टे ने बटोरी थीं सुर्खियां

फिलहाल, पुलिस अब मूर्तिकार के साथ जांच को आगे बढ़ाने के लिए मालवन रवाना हो चुकी है. आप्टे का नाम पहली बार 2019 में चर्चा में आया था. उस वक्त उन्हें ब्रिटेन स्थित सिख सोल्जर ऑर्गनाइजेशन द्वारा ब्रिटिश सेना में दो विश्व युद्धों में लड़ने वालों के सम्मान में एक सिख सैनिक की कांस्य प्रतिमा बनाने का काम सौंपा गया था. उन्होंने गुजरात में दांडी स्मारक के लिए महात्मा गांधी के बेटे मणिलाल की एक प्रतिमा भी बनाई थी.

शिवसेना (यूबीटी) ने सरकार पर किया तंज

दूसरी ओर मूर्ति गिरने की घटना ने महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले ही एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है. इसमें शिवसेना(यूबीटी) ने शिंदे सरकार पर तंज कसा है. शिवसेना (यूबीटी) नेता सुषमा अंधारे ने कहा कि राज्य सरकार को जयदीप आप्टे की गिरफ्तारी का कोई श्रेय लेने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह सरकार का कर्तव्य है. वह कोई अंडरवर्ल्ड डॉन नहीं था. उसे पहले ही गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए था. इस बीच एक अधिकारी ने कहा कि पांच सदस्यों की एक ज्वाइंट टेक्निकल कमेटी ने मालवण किले का दौरा किया और घटनास्थल की जांच की. पुलिस ने मूर्ति के लिए इस्तेमाल की गई सामग्री के सैंपल और मंच को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा है. 

 

 

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