उत्तर महाराष्ट्र के धुले जिले में बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में ‘भारत बंद’ के दौरान दो गुटों के बीच झड़प हो गयी, वहीं महाराष्ट्र के कुछ जिलों में पथराव की और मुंबई में ट्रेन यातायात अवरुद्ध होने की घटनाएं सामने आई हैं. छिटपुट हिंसा की घटनाओं में किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है. धुले की घटना चालीसगांव रोड थानांतर्गत हंड्रैड फुट रोड पर बुधवार दोपहर में घटी. इस दौरान सीएए और एनआरसी के खिलाफ रैली निकाली जा रही थी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि रैली में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भाग लिया.
अधिकारी के मुताबिक मौके पर हिंदुओं का एक समूह भी एकत्रित हो गया और सीएए तथा एनआरसी के समर्थन में नारे लगाने लगा. इसके बाद दोनों पक्षों में झड़प हो गयी तथा दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गया. उन्होंने बताया कि पुलिस ने धुले में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में चार राउंड गोलियां चलाईं और छह आंसूगैस के गोले छोड़े. हालात काबू में है और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. पुलिस के अनुसार धुले के अलावा अकोला जिले के बालापुर में ‘रेल रोको’ और वाशिम तथा यवतमाल में पथराव की घटनाएं दर्ज की गयीं. यवतमाल में पुलिस ने दो समूहों के संघर्ष के बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया, वहीं औरंगाबाद जिले में सरकारी बस पर पथराव की खबर है.
मुंबई के नजदीक पालघर में प्रदर्शनकारियों ने वसई के पास मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग को अवरुद्ध करने की कोशिश की. ठाणे जिले में बंद के आह्वान का असर खासतौर पर भिवंडी, मुंब्रा और उल्हासनगर में देखने को मिला. बहुजन क्रांति मोर्चा समेत अनेक संगठनों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया था. मुंबई में उपनगर कंजूरमार्ग स्टेशन पर रेल रोको के दौरान कम से कम 47 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया. इनमें 33 पुरुष और 14 महिलाएं हैं. सरकारी रेलवे पुलिस ने कहा कि सुबह पटरियों पर करीब आठ बजे कम से कम 100 प्रदर्शनकारी जमा हो गये जिससे सेंट्रल रेलवे पर कुछ देर के लिए उपनगरीय रेल सेवा अवरुद्ध हो गयी. व्यस्त समय में प्रदर्शन के दौरान कंजूरमार्ग स्टेशन पर फंसे नाराज यात्रियों की प्रदर्शनकारियों से झड़प हो गयी.
प्रदर्शनकारियों ने दक्षिण मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस की ओर जाने वाली ट्रेनों को रोक लिया था. पुलिस ने बताया कि देश की आर्थिक राजधानी के डोंगरी, बायकुला, नागपाड़ा, माहिम, बांद्रा-बेहरामपाड़ा, कुर्ला पाइप रोड, कसाईवाडा, अंधेरी, जोगेश्वरी, मलाड-मालवानी और विखरोली के मुस्लिम बहुल इलाकों में दुकानें तथा दफ्तर बंद रहे. पुणे में बंद का ज्यादा असर नहीं दिखाई दिया. शहर के कुछ ही इलाकों में दुकानें बंद रहीं.
कुछ इलाकों में प्रदर्शन करते हुए कम से कम 315 लोगों को हिरासत में लिया गया है. शहर में सार्वजनिक परिवहन के साधन चलते रहे और स्कूल-कॉलेज भी खुले रहे. हालांकि जिले की बारामती, इंदापुर और दौंड तहसीलों में बंद का असर अच्छा रहा जहां दुकानें, बाजार और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. पुणे ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक संदीप पाटिल ने बताया कि किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है. पश्चिम महाराष्ट्र के सोलापुर में बंद को हल्का फुल्का समर्थन मिला. कोल्हापुर तथा सतारा जिलों में बंद का असर नहीं के बराबर रहा. भाषा वैभव माधव माधव
Source : News Nation Bureau