महाराष्ट्र की अमरावती लोकसभा सीट से निर्दलीय सांसद नवनीत कौर राणा को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने जाति प्रमाणपत्र खारिज करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. साथ ही नवनीत कौर राणा की याचिका पर हाईकोर्ट में शिकायतकर्ता को नोटिस भी जारी किया है. इससे पहले हाईकोर्ट ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर कास्ट सर्टिफिकेट बनवाने के आरोप के चलते उनका सर्टिफिकेट रद्द करने का आदेश दिया था और साथ ही हाईकोर्ट ने सांसद नवनीत कौर पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह फैसला अमरावती से शिवसेना के पूर्व सांसद आनंद अडसूल की याचिका पर सुनाया था, जिसमें उन्होंने नवनीत कौर के जाति प्रमाण पत्र को अवैध बताया था. अमरावती संसदीय सीट आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र था. नवनीत कौर राणा यहां से चुनाव लड़ी थीं और जीत हासिल की थी. आनंद अड़सुल का आरोप था कि नवनीत कौर राणा ने जाली प्रमाण पत्र के आधार पर यहां से लोकसभा चुनाव लड़ी और जीत हासिल की थी.
पिछले चुनाव में अमरावती सीट एससी (SC) मतलब शेड्यूल कास्ट के लिए आरक्षित सीट थी और नवनीत कौर राणा ने जाति प्रमाण पत्र में खुद की जाति एससी बताई थी. चूंकि नवनीत SC केटेगरी के लिए आरक्षित अमरावती सीट से जीतकर संसद पहुंची थी. ऐसे में हाईकोर्ट के फैसले के चलते उनकी सदस्यता पर संकट पैदा हो गया था.
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बता दें कि नवनीत कौर राणा ने 2014 में राजनीति में एंट्री की थी. उन्होंने 2014 में एनसीपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, मगर शिकस्त का सामना करना पड़ा था. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में नवनीत कौर राणा एनसीपी से अलग होकर अमरावती से निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की. नवनीत कौर राणा के पति रवि राणा महाराष्ट्र के विधायक हैं. गौरतलब है कि सांसद बनने के बाद नवनीत राणा लगातार सुर्खियों में रहती हैं. संसद के सत्र के दौरान लगातार अक्सर वह चर्चा में बनी रहती हैं.
HIGHLIGHTS
- नवनीत कौर के कास्ट सर्टिफिकेट पर विवाद
- बॉम्बे हाईकोर्ट ने रद्द किया था सर्टिफिकेट
- HC के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दी गई चुनौती
- नवनीत कौर अमरावती से निर्दलीय सांसद हैं