Suryakanta Patil Joins NCP: पूर्व केंद्रीय मंत्री सूर्यकांता पाटील ने दस साल बाद शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का पुनः दामन थाम लिया है. कुछ दिनों पहले ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से इस्तीफा दिया था. उनकी इस वापसी ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई चर्चा को जन्म दिया है. वहीं सूर्यकांता पाटील ने 2014 में बीजेपी का दामन थामा था. हालांकि, हाल ही में उन्होंने राज्य बीजेपी प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले से व्यक्तिगत मुलाकात का समय लेने की कोशिश की, लेकिन उन्हें मुलाकात का समय नहीं मिल सका. इस असफल प्रयास के बाद, पाटील ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा, ''मैंने पिछले 10 सालों में बहुत कुछ सीखा है, मैं पार्टी की आभारी हूं.''
यह भी पढ़ें: तेजस्वी ने फिर कसा PM Modi पर तंज, बयान सुनकर BJP हो सकती है परेशान
शरद पवार की मौजूदगी में एनसीपी में एंट्री
आपको बता दें कि सूर्यकांता पाटील की एनसीपी में वापसी शरद पवार की मौजूदगी में हुई. यह महत्वपूर्ण है कि पाटील ने पहले भी कई वर्षों तक शरद पवार के साथ काम किया है. 2014 से पहले वह एनसीपी में थीं और उनकी राजनीतिक यात्रा का एक बड़ा हिस्सा इसी पार्टी के साथ जुड़ा रहा है. 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद वह एनसीपी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई थीं.
बीजेपी में असंतोष और नई दिशा
वहीं सूर्यकांता पाटील ने पिछले दस वर्षों में बीजेपी में रहते हुए कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं पाई. यह असंतोष शायद उनके बीजेपी छोड़ने का मुख्य कारण बना. राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि पाटील बीजेपी में खुश नहीं थीं और उन्हें उनके कद के मुताबिक पार्टी में स्थान नहीं मिला. ऐसे में एनसीपी में उनकी वापसी को एक नई राजनीतिक दिशा की खोज के रूप में देखा जा सकता है.
शरद पवार के साथ पुराना नाता
सूर्यकांता पाटील की एनसीपी में वापसी शरद पवार के साथ उनके पुराने नाते को भी पुनर्जीवित करती है. पाटील ने पवार के नेतृत्व में लंबे समय तक काम किया है और उनके अनुभव और निष्ठा की कद्र पवार के नेतृत्व में एनसीपी में की जाती रही है. शरद पवार ने भी उनकी वापसी पर खुशी जताई और इसे पार्टी के लिए एक सकारात्मक कदम बताया.
राजनीतिक महत्व और प्रभाव
इसके साथ ही आपको बता दें कि सूर्यकांता पाटील की एनसीपी में वापसी का राजनीतिक महत्व काफी अधिक है. इससे न केवल एनसीपी को मजबूती मिलेगी, बल्कि बीजेपी के भीतर भी कुछ सवाल खड़े हो सकते हैं. पाटील की वापसी से एनसीपी को उनके अनुभव और समर्थन का लाभ मिलेगा, जो आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण हो सकता है. वहीं, बीजेपी को इस बात पर विचार करना होगा कि वे किस तरह से अपने नेताओं को संतुष्ट रख सकते हैं और उन्हें पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका दे सकते हैं.
HIGHLIGHTS
- विधानसभा चुनाव से पहले BJP को बड़ा झटका
- सूर्यकांता पाटील ने थामा NCP का दामन
- शरद पवार की मौजूदगी में एनसीपी में एंट्री
Source : News Nation Bureau