देश के पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनाव के बीच केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ क्षेत्रीय दलों ने ताल ठोकना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में रविवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. इसके बाद दोनों नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा. राव ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद देश में जितना विकास होना चाहिए था, वह नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्वार्थों के लिए देश का माहौल खराब नहीं होना चाहिए, इसके लिए और भी क्षेत्रीय पार्टियों से बात की जाएगी. वहीं, उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस वक्त देश में बदले की राजनीति चरम पर है, जो ठीक नहीं है. इस बैठक में संजय राऊत अभिनेता प्रकाश राज , कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे , सांसद अरविंद सावंत भी मौजूद थे. इसके बाद उनका राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार से भी मुलाकात का कार्यक्रम है.
महाराष्ट्र को बताया क्रांती की धरती
बैठक के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने मीडिया को बताया कि देश की विकास और उन्नति को लेकर हमारी उद्धव ठाकरे के साथ चर्चा हुई है. राव ने कहा कि हम भाई लगते है, क्योंकि हमारा एक हजार किलोमीटर का बॉर्डर है. तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा हजारों किलोमीटर जुड़ी हुई है. इसलिए हमें मिलकर काम करना होगा. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र की ओर इशारा करते हुए कहा कि आजादी के 75 साल बाद जो काम देश में होना चाहिए था, वह नहीं हुआ है. देश की मौजूदा राजनीति की ओर ध्यान दिलाते हुए उन्होंने कहा कि देश का माहौल खराब नहीं होना चाहिए. इसके लिए दूसरी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ भी बातचीत की जाएगी. उन्होंने कहा कि विपक्ष को ,साथ लेकर हम एक साथ चलना चाहते है. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि महाराष्ट्र शिवाजी महाराज और बालासाहेब ठाकरे की धरती है. महाराष्ट्र से जो भी क्रांति होती है, बहुत मजबूत होती है. राव ने कहा कि इस वक्त देश में बदलाव की जरूरत है और उसी के लिए हम एक साथ आए हैं.
बदले राजनीति ठीक नहींः उद्धव
इस दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि बदला लेने वाली हमारी राजनीति ठीक नहीं है. अगर ऐसी बदला लेने वाली राजनीति चलती रहेगी तो देश का क्या होगा. देश का विकास कैसे होगा. इस वक्त चुनाव के चक्कर में राज्य एकदूसरे को भूल गए हैं. उन्होंने पीएम मोदी का नाम लिए बिना कहा कि देश के मूलभूत सवालों को छोड़कर बस राजनीति की जा रही है, जोकि पूरी तरह से गलत है. यह किसी भी तरह देश हित में नहीं है.
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लगातार पीएम पर हमलावर है केसीआर
माना जा रहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार की बढ़ती मनमानी और राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखलअंदाजी रोकने की रणनीति तैयार की जाएगी. दरअसल, केसीआर लंबे अरसे से भारतीय प्रधानमंत्री की आलोचना करते आ रहे हैं. वे केंद्र की मोदी सरकार पर राज्य सरकार के अधिकारों में दखल, जीएसटी, प्रशासनिक सेवाओं में नियुक्ति जैसे मुद्दे लगातार उठा आ रहे है. अब इसी को आधार बनाकर केसीआर ने गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और विपक्ष के बड़े नेताओं से मुलाकात का सिलसिला शुरू कर विपक्ष को लामबंद करना शुरू कर दिया. इससे पहले वे ममता बनर्जी से मिलने बंगाल गए थे. उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से भी बातचीत की थी. इसके साथ ही वह पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा से भी मिले थे.
HIGHLIGHTS
- क्षेत्रीय क्षत्रपों की लामबंदी की कवायद तेज
- उद्धव से मिले केसीआर, केंद्र पर बोला हमला
- बोले-स्वार्थों के लिए देश का माहौल खराब नहीं होना चाहिए