महाराष्ट्र में पिछले तीन साल में तीन मुख्यमंत्री बदल चुके हैं लेकिन राज्य की जनता की परिस्थितियों में कोई सुधार नही है. महाराष्ट्र की जनता को ना तो बाढ़ की समस्या से मुक्ति मिली है ना शहर के सड़कों पर होने वाले जलजमाव से और न ही सड़क पर गड्ढों से होने वाली मौत से. एक बार फिर से मुंबई के पास ठाणे के बदलापुर-डोंबिवली पाइपलाइन रोड पर एक 26 साल के युवक की गड्ढों के कारण मौत हो गई.
इस युवक का नाम अंकित थाइवा था जो शनिवार सुबह अपने आफिस जा रहा था. अंकित थाइवा नवी मुंबई के घनसोली स्थित एक दवा की कंपनी में काम करता था. बताया जा रहा है कि अंकित जब अपने स्कूटर से बदलापुर रोड पर म्हाडा कॉलोनी के करीब पहुंचा तो उसी समय सड़क पर एक गड्ढे के कारण उसका संतुलन बिगड़ा और वो गिर पड़ा. तभी पीछे से आ रही कल्याण-डोंबिवली म्युनिसिपल कार्पोरेशन की बस ने अंकित को कुचल दिया और उसी समय अंकित की मौत हो गई.
मुंबई में मानसून की शुरुवात से ही हादसों का सिलसिला शुरू हो जाता है. अंकित थाइवा की मौत से ठीक 11 दिन पहले यानी कि 5 जुलाई को ठाणे के घोडबंदर रोड पर एक 37 साल के इलेक्ट्रीशियन की मौत हुई थी. मृतक का नाम मोहनीश अहमद इरफान खान था जो अपने किसी काम से मुंबई की तरफ बढ़ रहा था. उस दिन तेज बारिश हो रही थी और घोडबंदर रोड पर एक बड़ा गड्ढा बाइक के सामने आ गया. गड्ढे में फिसलने के कारण मोहसिन अपने बाइक से नियंत्रण खो बैठा और गिर पड़े की तभी पीछे से आ रही एक बस ने मोहसीन खान को कुचल दिया और स्पॉट पर ही मोहसीन खान की भी मौत हो गयी थी.
पुलिस ने एक बार फिर से आरोपी ड्राइवर के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया है और मामले की जांच करने का दावा भी कर रही है. गौरतलब है कि ये दोनों ही हादसे मुंबई से सटे ठाणे जिला में हुए हैं जो कि महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है. अभी शनिवार को ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एमएमआर (MMR) में पड़ने वाले सभी नगर निगमों के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वो यह सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्र की सड़कें गड्ढों से मुक्त हो. लेकिन क्या वाकई में मुंबई और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को ऐसा दिन देखने को मिलेगा जब सड़के पूरी तरह से गड्ढा मुक्त होंगी और गड्ढों के कारण किसी निर्दोष की मौत नही होगी? या फिर सब कुछ वैसे ही चलता रहेगा जैसा कि सालों से चलता आ रहा है.
Source : Pankaj R Mishra