महाराष्ट्र में मुंबई से सटे ठाणे से बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है. यहां माता-पिता ने अपने कलेजे के टुकड़े का ही सौदा कर डाला. एक लाख 10 हजार रुपये के लिए अपना पांच दिन का नवजात शिशु निसंतान दंपति को बेच दिया. मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने माता-पिता समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने बताया कि यह मामला एक अवैध तस्करी का है और इसमें न केवल बेचने वाले और खरीदने वाले बल्कि लेन-देन में मध्यस्थता करने वाले दो ब्रोकर भी शामिल हैं. इसमें गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सुनील उर्फ भोंदू दयाराम गेंड्रे (31) और उसकी पत्नी श्वेता (27) के रूप में की गई है, जबकि निसंतान दंपत्ति की पहचान पूर्णिमा शेल्के (32) और उनके पति स्नेहदीप धरमदास शेल्के (45) के रूप में हुई है, दोनों ही ठाणे जिले के बदलापुर के निवासी हैं.
22 अगस्त को किया था सौदा
इसके अलावा दोनों ब्रोकरों की पहचान नागपुर के रहने वाली किरण इंगले (41) और उनके पति प्रमोद इंगले (45) के रूप में हुई है. पुलिस ने बताया कि सुनील और श्वेता गेंड्रे ने 22 अगस्त को अपने नवजात बेटे को किरण और प्रमोद इंगले के माध्यम से शेल्के दंपति के सौदा किया था.
बता दें कि निसंतान दंपत्ति बच्चे को गोद लेने के लिए काफी उत्सुक था इसलिए आरोपी माता-पिता ने कथित तौर पर अपने नवजात शिशु को उन्हें बेच दिया. हालांकि उन्होंने कानूनी गोद लेने की प्रक्रिया का पालन नहीं किया था. जैविक माता-पिता के अलावा, पुलिस ने बच्चे को खरीदने वाले जोड़े और सौदे में मदद करने वाले दो दलालों को भी हिरासत में लिया है.
अनाथालय में भेजा शिशु
पुलिस के मुताबिक शेल्के दंपति किरण इंगले के रिश्तेदार हैं. उन्होंने कथित तौर पर बच्चे के लिए एक लाख 10 हजार रुपये का भुगतान किया। और बच्चे को गोद लेने के लिए आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं को दरकिनार करते हुए उसे अपने घर ले गए. इस मामले की जानकारी होने पर AHTS ने सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इसको लेकर नागपुर के कलमना पुलिस स्टेशन में किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम की धारा 75 और 81 के तहत मामला दर्ज किया. अधिकारियों ने बताया कि शिशु को अस्थायी रूप से एक स्थानीय अनाथालय की देखभाल में रखा गया है.