देश के सबसे खूबरत राजभवन के तौर पर जाने-जाने वाले मुंबई राजभवन के भीतर सुरंग मिलने का मामला तो 2016 में सामने आया था. लेकिन इस सुरंग के भीतर के हिस्से को फिलहाल पूरी तरीके से क्रांतिगाथा म्यूजियम के तौर पर रूपांतरित कर दिया गया है, करीब 500 मीटर से भी ज्यादा के रेडियस मे फैली इस सुरंग के भीतर अंग्रेज अपने गोला बारूद रखते थे. जिससे समय रहते दुश्मनो को पानी में ढेर किया जा सके. लेकिन आजादी के बाद 2016 में पहली बार इस सुरंग का पता चला उसके बाद राज भवन ने राज्य सरकार को कहकर इसे पूरा बनवाया और प्रधानमंत्री ने इसे उद्घाटन किया. अब यह सुरंग पूरी तरह से पर्यटक स्थल बन चुकी है.
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इस सुरंग के भीतर छत्रपति शिवाजी महाराज, वीर सावरकर सेलुलर जेल, तिलक, चापेकर बंधू सहित सैकड़ो क्रांतिकारियो की वीर गाथाओ को चित्रित किया गया है. साथ ही बताया गया है राजभवन से कई मीटर नीचे बनी सुरंग देश की पहली ऐसी सुरंग है जो समुद्री किनारो के पहाड में बनी है, 47 एकड मे फैले इस सुरंग की खास बात ये है कि पूराने पत्थरो से ये सुरंग बनी थी. अब सरकार ने इस सुरंग का संवर्धन किया अग्रेजो की यातनाए, उनके युद्ध और हमारे वीर क्रांतिकारियो की सौर्यगाथा है.
जिसे देखने लिए रोजाना सैंकड़ों की संख्या में पर्यटक आते हैं और अपने महापुरुषों की तस्वीर देख इतिहास में खो जाते हैं. सुरंग में जिस जगह अंग्रेज अपना गोला बारूद रखते थे. वह स्थान अद्भुत है. साथ ही पूरी सुरंग को केन्द्र सरकार ने इस तरह से सजाया है कि देखने वाला देशभक्ति में सराबोर हो जाए.