देश कहां से कहां पहुंच गया. यह 21वीं शदी है. देश ने हर एक बुलंदी को छुआ, लेकिन इतना बदलाव होने के बावजूद अगर नहीं बदला तो वह है लोगों की मानसिकता. अभी भी दलितों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है. दलित शादी में घोड़ी नहीं चढ़ सकता है. उसे अभी भी बहुत कार्यों से वंचित रखा गया है. अगर वे ऐसा करने की जुर्रत करते हैं तो उसे कठोर सजा दी जाती है. मानो हमलोग इस युग में नहीं, बल्कि मनु युग में जी रहे हैं.
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ऐसे ही एक घटना महाराष्ट्र के वर्धा जिला में घटित हुई है. 8 साल का दलित बच्चा मंदिर में पूजा करने नहीं बल्कि खेलने गया तो उसे इतनी कठोर सजा मिली कि रूह कांप उठे. बच्चे की पैंट उतारकर धूप से गरम हो चुकी टाइल्स पर बिठा दिया. इसके बाद उसकी जमकर पिटाई की गई. टाइल्स इतना गरम था कि बच्चे की कमर के नीचे का हिस्सा जल गया. पूरा स्कीन वहां से हट गया. यह घटना 15 जून शनिवार की शाम को हुई थी.
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वर्धा जिले के आर्वी की रहनेवाली महिला लक्ष्मीबाई खड़से का बेटा खेलने के लिए जोगना मंदिर में गया था. उसी इलाके के रहनेवाले आरोपी उमेश ढोरे ने बच्चे की पिटाई शुरू कर दी. आरोपी का पिटाई से मन नहीं भरा तो बच्चे की पैंट उतारी और धूप में जल रही टाइल्स पर बिठा दिया.
घायल बच्चे को अस्पताल में कराया भर्ती
बच्चे का पिछुवाड़ा बिल्कुल जल गया. घायल बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उसका इलाज किया जा रहा है. पुलिस ने एट्रोसिटी और अन्य धाराओं के तहत आरोपी उमेश ढोरे की गिरफ्तारी की है.
HIGHLIGHTS
- दलित बच्चे को जमकर पीटा
- मंदिर में खेलने गया तो गर्म टाइल्स पर बैठा दिया
- आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार