महाराष्ट्र में बीजेपी (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ा था. विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आए भी करीब एक महीने हो गए हैं. इसके बावजूद राज्य में अब तक राजनीतिक उथलपुथल जारी है. शिवसेना ढाई-ढाई साल सीएम पद की मांग कर रही थी तो बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद देने से साफ इनकार कर दिया था. इसकी वजह से करीब तीन दशक पुरानी भाजपा-शिवसेना की दोस्ती में दरार आ गई. बताया जा रहा है कि दोनों पार्टियों की दोस्ती में दरार शिवसेना के प्रवक्ता और सांसद संजय राउत के नाते पड़ी है.
संजय राउत के ये 10 तीखे बयान, जिसने बीजेपी-शिवसेना के बीच में डाली दरार
1. संजय राउत ने कहा था कि जिस वक्त 50-50 फॉर्मूले पर चर्चा हुई उस वक्त नितिन गडकरी मौजूद नहीं थे. उन्होंने ने आगे कहा कि शिवसेना जब सरकार बना सकती है, तो वह जब चाहेगी अपना सीएम भी बना लेगी.
2. शिवसेना सांसद ने कहा था कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने साफ कर दिया था कि मुख्यमंत्री तो शिवसेना से ही बनेगा. उन्होंने कहा कि आगर उद्धव ठाकरे ने ऐसा कहा है तो इसका मतलब किसी भी कीमत पर अगला मुख्यमंत्री शिवसेना से ही होगा. अगर कोई सरकार बनाने को तैयार नहीं है तो हम ये जिम्मा ले सकते हैं.
3. संजय राउत ने आगे कहा था कि बंद कमरे की बातों से अमित भाई ने प्रधानमंत्री को अवगत नहीं कराया है. अमित भाई का कहना है कि बंद कमरे की बातें बाहर नहीं आती है. ये बात महाराष्ट्र के स्वाभिमान की बात है. ये बात अगर तय है तो सामने आनी चाहिए. हम महाराष्ट्र की स्मिता के लिए लडाई लड़ते हैं ना कि किसी लाभ के लिए.
4. उन्होंने कहा, शिव सेना राजनीति का व्यापार नहीं करती है. शिव सेना ने हमेशा बाला साहेब ठाकरे पर सम्मान रखा है. बाला साहेब ठाकरे के कमरे में ये बात हुई थी. उसी कमरे में ये बात हुई है. हम बाला साहेब ठाकरे की कसम खाते हैं हम झूठ नहीं बोलते. बंद कमरे की चर्चा का मान अमित शाह ने नहीं रखा है तब ये बात बाहर आ रही है.
5. राउत ने कहा, 'मैंने सुना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि देवेंद्र फणनवीस ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे. यहां तक की सेना भी बार-बार दोहरा रही है कि उनका मुख्यमंत्री ही शपथ लेगा. वहीं, शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा था कि मुख्यमंत्री के पद के साथ ही सेना को 50:50 की सत्ता-साझेदारी मिलने की बात हुई थी.
6. संजय राउत ने ट्वीट कर कहा था कि कभी कभी कुछ रिश्तों से बाहर निकल आना ही अच्छा होता है. अहंकार के लिए नहीं... स्वाभिमान के लिए.
7. शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि शिवसेना को भगवान इंद्र के सिंहासन का प्रस्ताव मिले तब भी वह भाजपा के साथ नहीं आएगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राकांपा के साथ वाला त्रिदलीय गठबंधन जब सत्ता में आएगा तब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद उनकी पार्टी को ही मिलेगा.
8. संजय राउत ने कहा था कि शनिवार सुबह जो कुछ भी हुआ, उससे यह साबित होता है कि राजभवन की शक्तियों का दुरुपयोग किया गया है. हमें लगता था कि राज्यपाल आरएसएस से आए हैं, अच्छे और संस्कारी व्यक्ति हैं, लेकिन महाराष्ट्र में जो पाप हुआ है, उसमें राजभवन बराबर की साझीदार है.
9. संजय राउत ने आगे कहा कि पुराने एनडीए और आज के एनडीए में बहुत अंतर है. आज एनडीए का संयोजक कौन है?, आडवाणी जी जो इसके संस्थापकों में से एक थे, वे या तो छोड़ चुके हैं या निष्क्रिय हैं.
10. महाराष्ट्र के सियासी संकट के बीच शिवसेना नेता संजय राउत का रविवार को नया ट्वीट सामने आया है, जिसमें उन्होंने बीजेपी के शपथग्रहण समारोह को एक्सीडेंटल बताया है.
Source : Deepak Kumar Pandey