महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को बड़ा फेरबदल किया. प्रदेश सरकार ने 86 पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया. 86 में से 65 मुंबई क्राइम ब्रांच के हैं. मुंबई पुलिस (CIU) के API रियाज काजी को आर्मड फोर्स में ट्रांसफर किया गया है. बता दें कि आज ही महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि पुलिस विभाग में तबादले और पोस्टिंग में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार को लेकर खुफिया विभाग की रिपोर्ट पर उद्धव सरकार ने कार्रवाई नहीं की. उनका दावा है कि खुफिया विभाग ने कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर यह रिपोर्ट दी थी.
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फडणवीस ने दावा किया कि तत्कालीन खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला द्वारा इजाजत लेकर फोन रिकॉर्ड किए गए थे और कॉल पर की गई बातचीत का ‘6.3 जीबी डेटा’ उनके पास है जिसमें कई अहम पुलिस अधिकारियों के नामों पर चर्चा की गई थी. उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने ये ट्रांसफर ऐसे समय में किए हैं जब एंटीलिया केस की जांच को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. यही नहीं राज्य में विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सरकार पर ट्रांसफर पोस्टिंग में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं.
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मुंबई क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के अनुसार क्राइम ब्रांच की अलग-अलग यूनिट के 28 पुलिस इंस्पेक्टर के अलावा 16 एपीआई जो डीटेक्शन का काम करते थे और 19 पुलिस सब इंस्पेक्टर अलग-अलग थानों में ट्रांसफर कर दिए गए हैं, जिनमें से कुछ स्थानीय आर्म्स विभाग और कुछ को गैर-कार्यकारी पोस्टिंग की दी गई है. जिसमें से कुछ को मुंबई पुलिस की कुछ विशेष शाखाओं और दूसरी यूनिट में भेजा गया है. फेरबदल की इस कार्रवाई को मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच में हुए क्रियाकलापों से जोड़कर देखा जा रहा है.
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मनसुख हिरेन मामले के अभियुक्तों ने नष्ट किए सबूत : एटीएस
बता दें कि महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने मंगलवार को कहा कि ठाणे के व्यापारी मनसुख हिरेन की मौत के आरोपियों ने इस मामले में कुछ प्रमुख सबूत नष्ट कर दिए हैं. एटीएस ने दो दिन पहले इस मामले में अहम खुलासे की घोषणा की थी. एटीएस दो सप्ताह की लंबी जांच को अब बंद करने की तैयारी कर रहा है. एटीएस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जय जीत सिंह ने मीडियाकर्मियों को बताया कि आरोपियों ने जिन सबूतों को नष्ट किए हैं, उनमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड और सीसीटीवी फुटेज को नष्ट करना शामिल है.
रविवार को इस मामले में कुछ अहम गिरफ्तारियां हुईं. इनमें बर्खास्त पुलिस अधिकारी विनायक शिंदे और क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गोर शामिल हैं. शिंदे आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे, लेकिन मई 2020 के बाद से पैरोल पर हैं. बहरहाल, शिंदे और गोर दोनों को पुलिस ठाणे के उस स्थान पर ले गई जहां 5 मार्च को हिरेन का शव मिला था. इनके अलावा, मुख्य अभियुक्त-निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे भी हैं जो फिलहाल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में हैं.
HIGHLIGHTS
- मुम्बई पुलिस में बड़ा फेरबदल
- क्राइम ब्रांच,सीआईयू,स्पेशल ब्रांच,सोशल सर्विस ब्रांच में हुआ तबादला
- मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच के एक साथ 65 अधिकारियों का हुआ ट्रांफ़सर