महाराष्ट्र में जाति आधारित क्षेत्रों के नाम बदले जाएंगे. यह घोषणा बुधवार को महाराष्ट्र सरकार ने की. मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान में बताया गया कि कैबिनेट की बैठक के दौरान यह निर्णय किया गया. इसने बताया कि महार-वाडा, मांग-वाडा, ढोर-बस्ती, ब्राह्मण-वाडा, माली-गली सामान्य नाम हैं लेकिन महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील राज्य में इनकी जरूरत नहीं है.
इस तरह के नाम से सामान्य तौर पर पता चलता है कि क्षेत्र में किसी विशिष्ट समुदाय के सदस्य रहते हैं. सीएमओ ने बयान जारी कर कहा कि इन क्षेत्रों का नाम बदलने का निर्णय सामाजिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने के लिए किया गया है। इन क्षेत्रों को समता नगर, भीम नगर, ज्योति नगर, शाहू नगर, क्रांति नगर जैसे नाम दिए जाएंगे.
इससे पहले राज्य सरकार ने डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर दलित मित्र पुरस्कार का नाम बदलकर डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर समाजभूषण पुरस्कार कर दिया था.
कोविड-19: महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने विधानसभा का सत्र मुंबई में कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर राज्य की विधानसभा का आगामी शीतकालीन सत्र इस बार नागपुर की जगह मुंबई में आयोजित करने की सिफारिश राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को भेजने का बुधवार को फैसला किया. एक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंत्रिमंडल ने इससे संबंधित कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
महाराष्ट्र विधानसभा का सत्र सात दिसंबर को नागपुर में शुरू होना है। विधायकों की बैठक का कार्यक्रम तथा अवधि तय करने के लिये बृहस्पतिवार को बीएसी की बैठक होगी.
Source : News Nation Bureau