महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण (OBC reservation) पर राजनीति जारी है. इस बीच ओबीसी आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र कैबिनेट (Maharashtra cabinet) में गुरुवार का प्रस्ताव पास किया गया है. इस प्रस्ताव के तहत जब तक ओबीसी (OBC) आरक्षण पर फैसला नहीं हो जाता है तब तक महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव नहीं होंगे. आपको बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पंचायत चुनाव में 27 प्रतिशत ओबीसी रिजर्वेशन देने से इनकार कर दिया है.
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ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव सरकार और राज्य चुनाव आयोग से कहा है कि वह महाराष्ट्र पिछड़ा वर्ग आयोग की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर कोई भी कदम न उठाए. उन्होंने कहा कि बिना उचित अध्ययन के पिछड़ेपन पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है. महाराष्ट्र सरकार ने गत दिनों SC को बताया था कि एसबीसीसी ने जो अंतरिम रिपोर्ट सौंपी है, उसमें कहा गया है कि स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 फीसदी तक आरक्षण दिया जा सकता है.
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गौरतलब है कि 23 सितंबर 2021 को महाराष्ट्र सरकार ने ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 27 फीसदी तक कोटा सुनिश्चित करने के लिए महाराष्ट्र जिला परिषद और पंचायत समिति अधिनियम, 1961 और जिला परिषदों, पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों के लिए महाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम में संशोधन करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया था. यह अध्यादेश शीर्ष अदालत की ओर से उस कानूनी प्रावधान को कैंसिल करने के बाद जारी किया गया था. इसके बाद राज्य ने एक अक्टूबर 2021 को मुंबई नगर निगम अधिनियम, महाराष्ट्र नगर निगम अधिनियम और महाराष्ट्र नगर परिषदों, नगर पंचायतों और औद्योगिक टाउनशिप अधिनियम में संशोधन करने के लिए दूसरा अध्यादेश जारी किया था. इस मामले में SC में फिर अर्जी डाली गई थी, इसके बाद कोर्ट ने सरकार से पूरा प्लान मांगा था.