महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का बैग सोमवार (11 नवंबर) को यवतमाल जिले के वणी एयरपोर्ट पर चेक किया गया, जब वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रचार के लिए पहुंचे थे. हेलीकॉप्टर से उतरते ही उनका बैग जांच के लिए खोला गया, जिसके बाद उन्होंने इस मुद्दे पर तीखा बयान दिया. ठाकरे ने जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए अधिकारियों पर कटाक्ष किया और राजनीतिक विरोधियों को भी निशाने पर लिया.
उद्धव ठाकरे का बैग चेक करना
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे जब वणी में प्रचार के लिए पहुंचे, तो उनके बैग की जांच कई अधिकारियों ने की. ठाकरे ने बताया कि इस जांच के दौरान सात-आठ अधिकारी उनके बैग की तलाशी ले रहे थे. हालांकि, ठाकरे ने जांच पर नाराजगी जाहिर नहीं की, बल्कि इसे "कोई समस्या नहीं" बताया. उन्होंने कहा, "मैंने अधिकारियों को अनुमति दी और उनका एक वीडियो भी बनाया." लेकिन इसके बाद उन्होंने एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया, "क्या पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बैग की जांच की गई?"
अधिकारी की पहचान की जांच
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा, "अब से अगर किसी का बैग चेक किया जाए तो सबसे पहले उस अधिकारी का पहचान पत्र चेक करें, और यह पता करें कि वह किस पद पर है." ठाकरे ने अधिकारियों को यह सलाह दी कि जैसे वे आम आदमी की जेब की जांच करते हैं, वैसे ही उनकी भी जांच की जाए. उन्होंने कहा, "अगर कोई अधिकारी आपको रोकता है तो उसकी जेब की भी जांच करें, यह आपका अधिकार है."
राजनीतिक बयान और आरोप
उद्धव ठाकरे ने अपनी टिप्पणी को राजनीतिक रंग देते हुए कहा, "मैंने अपना बैग चेक करने वाले अधिकारियों पर गुस्सा नहीं किया, लेकिन यह सवाल उठाना चाहिए कि क्या पीएम मोदी और अमित शाह के बैग की जांच करने की हिम्मत दिखाई गई है?" ठाकरे का यह बयान राजनीति में नया विवाद खड़ा कर सकता है, क्योंकि वह लगातार केंद्र सरकार और बीजेपी नेताओं पर हमलावर रहे हैं.
चुनावी संदर्भ में बयान
उद्धव ठाकरे के इस बयान का राजनीतिक महत्व भी है, क्योंकि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को एक ही चरण में होने जा रहे हैं. ठाकरे का यह बयान विपक्षी दलों के बीच चर्चा का विषय बन गया है और यह देखा जाएगा कि इसका चुनावी माहौल पर क्या असर पड़ता है. शिवसेना (यूबीटी) के नेता ने आगे कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य महाराष्ट्र की जनता के बीच एक सकारात्मक संदेश पहुंचाना है, लेकिन वे किसी भी अनैतिक कार्रवाई को खामोशी से नहीं सहेंगे.