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उद्धव सरकार का बड़ा फैसला- महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल खोलने की मंजूरी

उद्धव सरकार ने महाराष्ट्र में सभी धार्मिक स्थल खोले जाने की मंजूरी दे दी है. राज्य सरकार ने 16 नवंबर यानी सोमवार से शर्तों के साथ सभी मंदिर खोले जाने की इजाजत दे दी है.

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Deepak Pandey
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महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray)( Photo Credit : फाइल फोटो)

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि राज्य में धार्मिक स्थलों को आगामी सोमवार से फिर खोल दिया जाएगा. कोरोना महामारी के कारण इस साल मार्च में लगाए गए लॉकडाउन के समय से ही राज्य के सभी धार्मिक स्थल बंद हैं. ठाकरे ने एक बयान जारी कर दीपावली के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं.

उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना वायरस रूपी दैत्य आज भी हमारे बीच है. यद्यपि यह दानव अब धीरे-धीरे खामोश हो रहा है, लेकिन हम ढिलाई नहीं बरत सकते. लोगों को अनुशासन का पालन करने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि होली, गणेश चतुर्थी, नवरात्रि और अन्य त्यौहारों में अनुशासन एवं संयम दिखाया गया. इसी तरह लोगों ने ईद, माउंट मेरी जैसे कई त्यौहार भी कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल का ध्यान रखकर मनाए.

उनके मुताबिक, सोमवार से सभी धार्मिक स्थल फिर खोल दिए जाएंगे, लेकिन नियमों और सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना होगा. उन्होंने कहा कि भीड़ से बचना होगा. धार्मिक स्थलों को खोलना कोई शासनादेश नहीं है, बल्कि यह ईश्वर की इच्छा है. जूते-चप्पल धार्मिक स्थल परिसर से बाहर रखे जाएंगे और मास्क पहनना अनिवार्य होगा. ठाकरे ने कहा कि अगर हम अनुशासन का पालन करते हैं तो हमें ईश्वर का आशीर्वाद मिलेगा. 

महाराष्ट्र में कोविड-19 के बीच सादगी से मनायी जा रही दिवाली

दिवाली का त्योहार मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में शनिवार को पारंपरिक तरीके से मनाया जा रहा है, लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह से इस बार रौनक कम है. इस साल, लक्ष्मी पूजन (दिवाली की मुख्य पूजा) और नरक चतुर्दशी एक ही दिन पड़ रही है. महाराष्ट्र में परिवार के सदस्य इस दिन सुबह उठकर परंपरा के अनुसार ‘ अभ्यंग स्नान’ करते हैं.

इस दिन लोग अपनी छतों की मुंडेर और बालकनी पर मिट्टी के दीये और ‘आकाश कांदील’ जलाते हैं और घरों के सामने रंगोली बनाते हैं. मुंबई, पुणे, ठाणे और नासिक सहित पूरे महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘ दिवाली पहट’ इस त्योहार का अभिन्न हिस्सा बन गया है. हालांकि, इस वर्ष कोरोना वायरस की महामारी की वजह से ऐसे आयोजन नहीं हो रहे हैं.

वहीं, कुछ आयोजकों ने ऑनलाइन संगीत कार्यक्रमों और साक्षात्कार का आयोजन किया है. ठाणे शहर का मसुंदा लेक और डोम्बिवली के फड़के रोड ऐसे कार्यक्रमों के लिए प्रसिद्ध हैं जहां बड़ी संख्या में लोग एकत्र होते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होते हैं, लेकिन इस बार महामारी के चलते ऐसे कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया.

महाराष्ट्र सरकार ने इस साल पटाखों के जलाने पर रोक लगा दी है. शिवसेना नीत बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने भी कोरोना वायरस की महामारी पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से पटाखों के इस्तेमाल पर रोक लगाई है. हालांकि, नगर निकाय ने लक्ष्मी पूजन के दौरान ‘हल्के आवाज वाले पटाखों को जलाने की अनुमति दी है. बीएमसी ने कहा कि मुंबईवासी अपने निजी परिसरों में ‘अनार’ और ‘फुलझड़ी’ जला सकते हैं. 

Source : News Nation Bureau

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