महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को मुसलमानों से अगले सप्ताह शुरू हो रहे रमजान के महीने में कोरोना वायरस के मद्देनजर मस्जिदों एवं किसी अन्य सार्वजनिक स्थानों के बजाय अपने घरों में इफ्तार करने की अपील की. देश में तीन मई तक लॉकडाउन है तथा इस दौरान विभिन्न धर्मों के धर्मावलंबियों द्वारा त्योहार मनाने एवं सार्वजनिक स्थानों पर प्रार्थना आदि करने पर पाबंदियां लगायी गई है.
केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय पहले ही मुसलमानों से नमाज अदा करने के वास्ते एक स्थान पर जमा नहीं होने और सामूहिक इफ्तार नहीं करने की अपील कर चुका है. महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नवाब मलिक ने एक बयान में कहा कि समुदाय के सदस्य नमाज अदा करने या इफ्तार के लिए घरों में, छतों पर या किसी मैदान में इकट्ठा नहीं होना चाहिए. विभाग ने समुदाय के सदस्यों से निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा है.
कोरोना वायरस: महाराष्ट्र में घर-घर जाकर अखबार और पत्रिकाएं पहुंचाने पर रोक
महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को कहा कि राज्य में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों के तहत घर-घर जाकर अखबार और पत्रिकाएं पहुंचाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. राज्य सरकार ने विस्तृत दिशा निर्देश जारी करते हुए उन सेवाओं की जानकारी दी जिन्हें 20 अप्रैल से आंशिक रूप से फिर से शुरू किया जाएगा.
सरकार ने बताया कि हालांकि लॉकडाउन के दौरान 20 अप्रैल से प्रिंट मीडिया पर कोई रोक नहीं है लेकिन विषाणु फैलने के खतरे को देखते हुए घर-घर जाकर अखबार और पत्रिका पहुंचाने पर प्रतिबंध होगा.
Source : Bhasha