उद्धव ठाकरे ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि महाराष्ट्र का सीएम बनेंगे लेकिन ...

राकांपा और कांग्रेस जैसे वैचारिक रूप से अलग दलों के साथ गठबंधन करने के बारे में ठाकरे ने कहा कि इस प्रकार के गठबंधन पहले भी किए गए हैं.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
thackeray

उद्धव ठाकरे( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

Advertisment

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री बनना कभी उनका सपना या महत्वाकांक्षा नहीं थी लेकिन जब उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि भाजपा के साथ रहकर वह अपने पिता से किया वादा पूरा नहीं कर सकते, तो उन्होंने यह बड़ी जिम्मेदारी स्वीकार करने का फैसला किया. ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि उनके लिए हिंदुत्व का मतलब अपने द्वारा कहे गए शब्दों का सम्मान करना है. यह पूछे जाने पर कि क्या वह संयोग से मुख्यमंत्री (एक्सीडेंटल मुख्यमंत्री) बने हैं, शिवसेना अध्यक्ष ने कहा, हो सकता है. राकांपा और कांग्रेस जैसे वैचारिक रूप से अलग दलों के साथ गठबंधन करने के बारे में ठाकरे ने कहा कि इस प्रकार के गठबंधन पहले भी किए गए हैं.

उन्होंने कहा कि राज्य और देश का हित हर विचारधारा से बड़ा है. उन्होंने कहा, राजनीतिक ताकत मेरे लिए नई बात नहीं है क्योंकि मैंने अपने पिता (दिवंगत शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे) को बचपन से इसे संभालते देखा. मेरे लिए सत्ता की ताकत (मुख्यमंत्री का पद) नयी बात है. शिवसेना अध्यक्ष ने कहा, मुख्यमंत्री बनना अपने पिता से किया गया वादा पूरा करने की दिशा में मेरा पहला कदम है. ठाकरे ने कहा कि उन्होंने निर्णय किया था कि किसी शिवसैनिक को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाने का पिता से किसा गया वादा पूरा करने के लिए वह किसी भी हद तक जाएंगे.

यह भी पढ़ें-Budget 2020: कांग्रेस ने इस बजट को मुंबई और महाराष्ट्र के लिए सर्वाधिक निराशाजनक बताया, जानिए क्यों

उन्होंने कहा, मुझे जब एहसास हुआ कि मैं भाजपा के साथ रहकर अपने पिता का सपना साकार नहीं कर सकता तो मेरे पास बड़ी जिम्मेदारी स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा. यह पूछे जाने पर कि क्या उनके मुख्यमंत्री पद स्वीकार करने से लोगों को झटका लगा है, ठाकरे ने कहा, राजनीतिक झटके कई प्रकार के होते हैं. उन्होंने कहा, वादे पूरे करने के लिए होते हैं. वादा टूटने से निराशा तथा गुस्सा पैदा हुआ और फिर मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा. मुझे नहीं पता कि भाजपा इस झटके से उबर पाई है या नहीं. मैंने क्या बड़ी चीज मांगी थी... चांद या तारे? मैंने बस उन्हें यह याद कराया था कि लोकसभा चुनाव से पहले किस बात पर सहमति बनी थी.

यह भी पढ़ें-'आप' ने चुनाव में बाधा डालने की कोशिश को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की

चुनाव अकेले लड़ने के अपने पहले के रुख में बदलाव होने के बारे में ठाकरे ने कहा, जब (तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष) अमित शाह मेरे पास आए, मुझे लगा कि फिर से शुरुआत करने में क्या नुकसान है. जब ठाकरे से यह पूछा गया कि यदि उनकी मां मीना ठाकरे जीवित होतीं, तो उनके मुख्यमंत्री बनने पर उनकी क्या प्रतिक्रिया होती, उन्होंने कहा कि मां को लगता कि हे भगवान, क्या वह यह जिम्मेदारी निभा पाएगा. उन्होंने कहा, लेकिन मैं जो कुछ करूंगा, ईमानदारी से करूंगा. ठाकरे विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं हैं. चुनाव लड़ने के संबंध में सवाल पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा, आगामी दो-तीन महीने में, मैं इस बारे में फैसला करूंगा. मैं अपनी जिम्मेदारियों से कभी नहीं भागूंगा.

Maharashtra Politics CM of Maharashtra Udhav Thackre Maharashtra CM Udhav Thackre Udhav never dreamed become CM BJP-Shivsena Alliance Congress-NCP-Shivsena Alliance
Advertisment
Advertisment
Advertisment