महाराष्ट्र (Maharashtra) में अब उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) का राज होगा. शिवसेना-कांग्रेस (Shivsena-Congress-NCP) और एनसीपी की गठबंधन वाली सरकार के मुख्यमंत्री ( Maharashtra CM) के तौर पर उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) महारष्ट्र (Maharashtra) के पहले ऐसे नेता हैं जो विधायक (MLA) बने बिना सीएम बन रहे हैं. इस मामले में उद्धव ठाकरे (Maharashtra) राबड़ी देवी (Rabri Devi) , नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) , ओमप्रकाश चौटाला (OM Prakash Chautala) की राह पर हैं. उद्धव ठाकरे से पहले यह करिश्मा करने वाले देश में पहली महिला नेता राबड़ी देवी बनी थीं.
राबड़ी देवी से पहले हरियाणा में ओमप्रकाश चौटाला बिना विधायक बने सीएम बन गए थे. 2 दिसंबर 1989 को चौधरी देवीलाल ने अपने बेटे ओमप्रकाश चौटाला को बिना विधायक होते हुए भी सीएम पद की शपथ दिलवा दी.
न तो कोई चुनाव लड़ीं न ही सरकार में किसी पद पर थीं
बिहार की सियासत में राबड़ी देवी एक ऐसी महिला नेता हैं जो सीएम बनने से पहले किसी सदन की सदस्य नहीं थीं. वह प्योर गृहिणी थीं. मार्च 1997 में जब बिहार की मुख्यमंत्री बनी थीं तो उससे पहले वह न तो कोई चुनाव लड़ी थीं और न ही सरकार में किसी पद पर थीं.
यहां तक कि वह राजनीतिक गतिविधियों से दूर अपने चूल्हा-चौका में व्यस्त रहती थीं. लालू यादव 1997 में बिहार के मुख्यमंत्री थे और चारा घोटाले मामले में उन्हें जेल जाना पड़ा था. जाते-जाते लालू ने अपनी सियासी विरासत को राबड़ी देवी के हाथ सौंप गए. मुख्यमंत्री बनने के बाद वह विधान परिषद के जरिए सदन में पहुंचीं थीं.
राबड़ी देवी के बाद किसी सदन का सदस्य रहे बिना सीएम बनने वालों में पीएम नरेंद्र मोदी का भी नाम है. 2001 में नरेंद्र मोदी जब गुजरात के सीएम बने तो वह उससे न तो कई चुनाव लड़े थे और न ही सरकार में कोई पद लिया था. लेकिन राजनीति में वह सक्रिय थे. बीजेपी ने 2001 में केशुभाई पटेल को हटाकर नरेंद्र मोदी को सीएम बनाया था. सीएम बनने के बाद मोदी राजकोट विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने. इसके बाद से 2014 तक लगातार वह गुजरात के सीएम रहे.
Source : दृगराज मद्धेशिया