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मराठा आरक्षण रद्द होने पर CM उद्धव ठाकरे बोले : पीएम और राष्ट्रपति तत्काल मराठा कोटे को लेकर फैसला लें

महाराष्ट्र सरकार को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण (Maratha Reservation ) को रद्द कर दिया है.  सुप्रीम कोर्ट से मराठा आरक्षण रद्द हो जाने पर सूबे के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री मोदी से पूरे मामले मे देने की मांग की है.

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Avinash Prabhakar
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CM Uddhav Thackeray( Photo Credit : File)

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महाराष्ट्र सरकार को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण (Maratha Reservation ) को रद्द कर दिया है.  सुप्रीम कोर्ट से मराठा आरक्षण रद्द हो जाने पर सूबे के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे  (CM Uddhav Thackrey) ने प्रधानमंत्री मोदी से पूरे मामले में दखल देने की मांग की है. मराठा आरक्षण मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है. सरकार ने मराठा समाज के स्वाभिमान की रक्षा के लिए आरक्षण का फैसला किया था. महाराष्ट्र की विधानसभा सार्वभौम है और सरकार जनता की आवाज़ है.

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट के मराठा आरक्षण पर फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है . मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि हम मराठा समुदाय को न्याय दिलाने के लिए अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे जब तक यह हासिल नहीं हो जाता है.

महाराष्ट्र के सीएम ने कहा- “महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को आरक्षण दिए जाने वाले कानून को सुप्रीम कोर्ट की ओर से रद्द करना दुर्भाग्यपूर्ण है. हमने मराठा समुदाय के स्वाभिमान के लिए सर्वसम्मति से इसे पास किया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र ऐसा कानून नहीं बना सकता है. अब प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ही कर सकते हैं.”

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा- “हम पीएम मोदी से यह अनुरोध करते हैं कि वे इस मामले में दखल देकर कानून बना मराठाओं को आरक्षण दें. सांभाजी राजे मराठा आरक्षण को लेकर एप्वाइंटमेंट मांग रहे हैं. क्यों नहीं उन्होंने अभी तक एप्वाइंटमेंट दिया है?” उद्धव ने आगे कहा कि मराठा समुदाय को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ाई लड़ते रहेंगे जब तक कि उन्हें यह नहीं मिल जाता. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र की शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश आर सरकारी नौकरियों मराठा समुदाय को आरक्षण देने संबंधी राज्य के कानून को ‘‘असंवैधानिक’’ करार देते हुए बुधवार को इसे खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि 1992 में मंडल फैसले के तहत निर्धारित 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा के उल्लंघन के लिए कोई असाधारण परिस्थिति नहीं है,

कोर्ट ने आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत पर तय करने के 1992 के मंडल फैसले (इंदिरा साहनी फैसले) को पुनर्विचार के लिए वृहद पीठ के पास भेजने से भी इनकार कर दिया और कहा कि विभिन्न फैसलों में इसे कई बार बरकरार रखा है.

Source : News Nation Bureau

CM Uddhav Thackeray cm-तीरथ-सिंह-रावत Maratha Reservation SC on Maratha Reservation
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