महाराष्ट्र में लंबी कवायद और मैराथन बैठकों के बाद शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस में सरकार बनाने को लेकर एकराय बन गई है. आज शुक्रवार को हो सकता है महाराष्ट्र के तख्त के ताज की घोषणा हो जाए. गुरुवार देर रात शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य ठाकरे के साथ एनसीपी चीफ शरद पवार के घर पहुंचे. करीब 40 मिनट की बैठक के बाद शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने आज होने वाले ऐलान का ब्लूप्रिंट तैयार किया. हालांकि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर एकराय बनने के बाद अब शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की नजर मलाईदार विभागों पर है. कई ऐसे विभाग हैं, जिन पर तीनों दल दावा ठोक रहे हैं. यह भी कहा जा रहा है कि सरकार के गठन की घोषणा के बाद शिवसेना के विधायक जयपुर के लिए रवाना हो जाएंगे.
यह भी पढ़ें : दिल्ली की जेल में मुजरिम की हत्या, आरोपी कैदी गिरफ्तार, न्यायिक जांच शुरू
आज शुक्रवार को भी सरकार की रूपरेखा को अंतिम रूप देने से पहले मुंबई में मैराथन बैठकें होंगी. सुबह 10 बजे से मातोश्री में शिवसेना विधायकों के साथ पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे बैठक करेंगे. दोपहर 2 बजे के बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच आखिरी दौर की बातचीत के बाद शाम 4 बजे कांग्रेस अपने विधायक दल का नेता चुनेगी. देर शाम शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस भी बुला सकते हैं, जिसमे नई सरकार और नए मुख्यमंत्री का ऐलान भी हो सकता है.
यह भी कहा जा रहा है कि शुक्रवार को ही मंत्रालय बंटवारे पर अंतिम मुहर लगेगी. बताया जा रहा है कि एनसीपी और कांग्रेस मुख्यमंत्री पद के लिए आदित्य ठाकरे के नाम पर राजी नहीं हैं. दोनों दल उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने पर सहमत हैं. दूसरी ओर, कुछ मंत्रालयों पर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के हित टकरा रहे हैं. शिवसेना और एनसीपी दोनों गृह मंत्रालय अपने पास रखना चाहती हैं तो एनसीपी और कांग्रेस वित्त मंत्रालय पर नजर गड़ाए हुए हैं. शहरी विकास मंत्रालय पर शिवसेना और कांग्रेस की नजर है तो स्पीकर का पद एनसीपी और कांग्रेस अपने पास रखना चाहती हैं.
यह भी पढ़ें : दिल्ली का पॉवर एलीट समूह 14 दिसंबर को क्यों जा रहा है अयोध्या?
सूत्रों का कहना है कि तीनों दलों के बीच विभागों को लेकर अभी अंतिम फैसला नहीं हो पाया है. कांग्रेस नई सरकार में बराबर-बराबर (14-14-14) विभाग की बात कर रही है. मुंबई में शिवसेना के साथ होने वाली बैठक में इस पर बातचीत हो सकती है. साथ ही एनसीपी ने अभी तक रोटेशनल मुख्यमंत्री पद के लिए जोर नहीं दिया है, हालांकि कहा जा रहा है कि कांग्रेस चाह रही है कि रोटेशनल सीएम की व्यवस्था हो.
यहां टकरा सकते हैं हित
शिवसेना शहरी विकास मंत्रालय, पीडब्लूडी, गृह, शिक्षा (हायर टेक्निकल, मेडिकल और स्कूल) और ग्रामीण विकास मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है. कांग्रेस भी शहरी विकास मंत्रालय भी अपने पास रखना चाहती है. एनसीपी और कांग्रेस दोनों स्पीकर का पद अपने हिस्से में रखना चाह रही हैं. एनसीपी गृह, वित्त, पीडब्लूडी, जल संसाधन और ग्रामीण विकास मंत्रालय पर नजर गड़ाए हुए है तो कांग्रेस वित्त, ग्रामीण विकास और रेवेन्यू जैसे मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो