Lawrence Bishnoi: दशहरे के दिन अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस हत्या ने ना सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया. वहीं, इस हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई ने ली है. मुंबई पुलिस ने भी कोर्ट में यह दावा किया कि इस हत्याकांड में लॉरेंस गैंग शामिल हैं.
मुंबई पुलिस को नहीं मिल सकती लॉरेंस की कस्टडी
वहीं, हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले लॉरेंस बिश्नोई को चाह कर भी मुंबई पुलिस हाथ नहीं लगा सकती है, जो पुलिस के सामने बहुत बड़ी चुनौती है. दरअसल, मुंबई पुलिस लॉरेंस को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है, लेकिन वह उसे मुंबई नहीं ला सकती. अगर मुंबई पुलिस को लॉरेंस से पूछताछ करनी है तो उन्हें साबरमती जेल जाना पड़ेगा.
गुजरात के साबरमती जेल में है बंद
दरअसल, गृह मंत्रालय के आदेश इसके बीच आ रहा है. पिछले साल गृह मंत्रालय ने धारा 268 (1) के तहत एक आदेश जारी किया था. जिसके अनुसार किसी व्यक्ति पर अगर धारा 268 और 267 लगाया जाता है तो उसे जेल से नहीं हटाया जा सकता है. यह धारा राज्य सरकार को यह अधिकार देती है कि वह किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के वर्ग को जेल से नहीं हटा सकते हैं.
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जेल में रहकर टारगेट कर रहा पूरा
अगस्त, 2023 में सीआरपीसी की धारा 268 के तहत यह आदेश दिया गया था. जिसके अनुसार कोई भी स्टेट या एजेंसी 1 साल तक लॉरेंस की कस्टडी नहीं ले सकती है. जिसे बढ़ाकर अब दो साल कर दिया गया है. गृह मंत्रालय की मानें तो गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को जेल से लाने और जाने में कानून व्यवस्था में चूक हो सकती है. इसकी वजह से शायद ही मुंबई पुलिस को लॉरेंस बिश्नोई की कस्टडी मिल सकेगी.
गोल्डी बराड़ और सचिन बिश्नोई के सहारे देता है घटनाओं को अंजाम
लॉरेंस बिश्नोई की बात करें तो उसके कनेक्शन देश ही नहीं विदेश तक है. वह जेल में ही रहकर घटनाओं को अंजाम दे रहा है. उसके करीबी गोल्डी बराड़, सचिन बिश्नोई की मदद से वह टारगेट पूरा करता है. सिद्धू मूसेवाला की मौत की जिम्मेदारी भी लॉरेंस गैंग ने ली थी. एनआईए ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि लॉरेंस बिश्नोई कभी भी डायरेक्ट किसी शूटर से बात नहीं करता है बल्कि वह गोल्डी बराड़ और सचिन बिश्नोई की मदद से शूटर्स तक मैसेज पहुंचाता है.