महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के जन्मदिन पर सीएम एकनाथ शिंदे का ट्वीट सुर्खियों में रहा. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जन्मदिन के मौके पर उद्धव ठाकरे को बधाई संदेश देते हुए उनके नाम के आगे शिवसेना पार्टी प्रमुख का जिक्र नहीं किया. शिंदे ने अपने ट्वीट में सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री जिक्र करते हुए उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं. उनके ट्वीट से बधाई कम मीडिया की सुर्खियां ज्यादा बनी हैं. ट्वीट के बाद सवाल उठने लगे कि क्या मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे को पार्टी का प्रमुख नहीं मानते. जब सवाल उठे तो जवाब देने एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता और विधायक दीपक केसरकर सामने आए. दीपक केसरकर ने कहा कि उद्धव ठाकरे को सिर्फ एक पार्टी के नेता के तौर पर सीमित नहीं करना चाहते, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री कहकर उन्हें पूरे महाराष्ट्र से जोड़ना चाहते थे. यही कारण है कि उन्होंने उनका जिक्र शिवसेना पार्टी प्रमुख के तौर पर नहीं किया, बल्कि एकनाथ शिंदे ने तो राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शिवसेना पार्टी प्रमुख का पद उद्धव ठाकरे के लिए रिक्त रखा है.
यह भी पढ़ें : दीद का भाजपा को चैलेंज, बंगाल को तोड़ने से पहले करना होगा यह काम
वहीं, सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे ने उद्धव ठाकरे को भी जन्मदिन की बधाई दी, लेकिन उनके नाम के आगे पार्टी प्रमुख लिखा. शिवसेना के दूसरे सांसद और नए बनाए गए संसदीय दल के नेता राहुल शेवाले ने भी उद्धव ठाकरे के नाम के आगे पार्टी प्रमुख का जिक्र किया. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या एकनाथ शिंदे गुट के विधायक और सांसद उद्धव ठाकरे का अब भी इंतजार कर रहे हैं कि वह भी उनके साथ जुड़ जाए.
हालांकि, ठाकरे ग्रुप उन्हें पक्ष प्रमुख मानते हैं. शिवसेना के ठाकरे ग्रुप के विधायक रमेश कोरेगांवकर ने उद्धव ठाकरे को पक्ष प्रमुख बताया. क्या यही कारण है कि एकनाथ शिंदे गुट कह रहा है कि उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी तो बना ही ली, लेकिन उसमें उद्धव ठाकरे के लिए शिवसेना पार्टी प्रमुख का पद रिक्त रखा है.
यह भी पढ़ें : एक्ट्रेस कृति सेनन को अनोखे अंदाज में दी कलाकारों ने बधाई,शेयर की तस्वीरें
अब शिवसेना किसकी है कि लड़ाई अदालत तक और चुनाव तक जा पहुंची है. ऐसे में शिवसेना किसकी होगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन एकनाथ शिंदे की तरफ से उनकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी जिस तरह से उद्धव ठाकरे के लिए सूचना पार्टी प्रमुख का पद रिक्त है उसे यह क्या जरूर लगाए जा रहे हैं कि कोर्ट का फैसला चाहे उद्धव ठाकरे के खिलाफ भी क्यों ना आए एकनाथ शिंदे उनसे समझौता करने के लिए दरवाजे हमेशा खुला रखेंगे.