Kashi Vishwanath: इस बार सावन माह में शिव भक्तों को बाबा के विशेष पूजन के लिए पांच सोमवार मिले. इस बार काशी विश्वनाथ धाम में 54 लाख 20 हजार 756 श्रद्धालुओं ने बाबा का जलाभिषेक किया. अंतिम सोमवार और रक्षाबंधन के विशिष्ट संयोग में 2 लाख ये ज्यादा ने काशी पुराधिपति को शीश नवाया. ये अपने आप में एक बड़े कीर्तिमान की तरह है. काशी विश्वनाथ मंदिर अन्न क्षेत्र के अभी ढाई हजार श्रद्धालुओं को भोजन दिया गया है. जिसे आने वाले दिनों छह हजार तक किया जायेगा.
नए कीर्तिमान की तरह है
सावन का माह खत्म हो चुका है और इस बार पचास लाख से अधिक श्रद्धलुओं ने बाबा के दर्शन किए हैं जो अपने-आप में एक नए कीर्तिमान की तरह है. इसके साथ ही बाबा के अन्न क्षेत्र में भी प्रसाद प्राप्त करने वाला की संख्या बढ़ी है और आने वाले दिनों में इसे और भी बढ़ाए जाने का प्रयास हो रहा है.
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देवाधिदेव महादेव को प्रिय सावन मास में इस बार श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में 54 लाख 20 हजार 756 श्रद्धालुओं ने बाबा का दर्शन व जलाभिषेक किया. इसमें सावन पूर्णिमा पर अंतिम सोमवार और रक्षाबंधन के विशिष्ट संयोग में 2,02,756 भक्तों ने काशीपुराधिपति को शीश नवाया.सावन इस बार 22 जुलाई को सोमवार को शुरू हुआ और इसका समापन भी सोमवार को हुआ. इस तरह शिव भक्तों को बाबा के विशेष पूजन के लिए पांच सोमवार मिले.
अलग-अलग स्वरूप में शृंगार की परंपरा
काशी विश्वनाथ धाम में हर सोमवार बाबा का अलग-अलग स्वरूप में शृंगार की परंपरा है. इससे भक्तों को पांच स्वरूपों में बाबा की शृंगार झांकी के दर्शन हुए. इसके साथ ही काशी विश्वनाथ मंदिर अन्न क्षेत्र से अभी ढाई हजार श्रद्धालुओं को भोजन दिया जा रहा है जिसे आने वाले दिनों छह हजार तक किया जायेगा. और अभी कैंसर अस्पताल के तीमारदारों के लिए 1500 भोजन पैकेट पहुचाये जा रहे है उसे भी बढ़ाया जायेगा और सेवा का विस्तार भी होगा.
इसमें पहले सोमवार को बाबा की प्रतिमा का शृंगार, दूसरे सोमवार को गैारी शंकर स्वरूप का शृंगार, तीसरे सोमवार को अर्धनारीश्वर स्वरूप का शृंगार, चौथे सोमवार को रुद्राक्ष झांकी सजी है. सावन पूर्णिमा पर शिव परिवार की शोभायात्रा निकालकर शृंगार किया गया. इस दौरान भक्तों की सुविधा को लेकर छह द्वारों से दर्शन-पूजन के प्रवेश की व्यवस्था हुई.