पूर्वोत्तर के असम राज्य में पशु तस्करी जारी है. मुख्यमंत्री हिमंत विस्वा सरमा पशु तस्करी पर जीरो टालरेंस की नीति अपनाए है. पशु तस्करी को लेकर राज्य में कई बार हिंसक झड़प भी हो चुकी है. लेकिन राज्य में पशु तस्करी के मामले में कमी नहीं आयी है. शनिवार को नागांव में पुलिस ने जाजोरी थाने और बोरघाट पीपी से दो मवेशी वाहनों को पकड़ा है. दोनों वाहनों पर लगभग 50 मवेशी लदे थे, जिन्हें अवैध रूप से ऊपरी असम से नागांव ले जाया गया था. पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया है.
असम में गोहत्या और तस्करी को समाप्त करने के उद्देश्य से असम सरकार ने अपने मवेशी संरक्षण अधिनियम में कई बड़े बदलाव किया है.असम मवेशी संरक्षण अधिनियम 2021 को पारित करने के बाद भी राज्य में पशु तस्करी रूक नहीं रही है.
इस कानून में कुछ प्रमुख परिवर्धन में कृषि उद्देश्यों के लिए मवेशियों के परिवहन को आसान बनाना और पशु तस्करों के लिए कड़ी सजा सुनिश्चित किया गया है.साथ ही अदालत को सार्वजनिक नीलामी के माध्यम से जब्त किए गए वाहनों या वाहन की बिक्री के लिए आदेश देने की अनुमति भी है. सीमावर्ती जिले को छोड़कर मवेशियों की अंतर-जिला आवाजाही की अनुमति होगी.
यह भी पढ़ें: ओमीक्रॉन BA.2 से अधिक संक्रामक है सब-वेरिएंट XE, कोरोना पर WHO की रिपोर्ट
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आश्वासन दिया कि खेती के उद्देश्यों के लिए पशु पालन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है और इसका मकसद खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में मवेशियों की तस्करी को रोकने पर केंद्रित है.विशेष रूप से भैंसों के संबंध में कोई संशोधन पारित नहीं किया गया है.
उस दौरान सरमा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा था, "राज्य में मवेशियों की सुरक्षा को मजबूत करने के हमारे मिशन में, हम मवेशी संरक्षण अधिनियम 2021 में एक संशोधन लाए हैं.नए परिवर्धन से कृषि उद्देश्यों के लिए मवेशियों के परिवहन में आसानी होगी और मवेशी तस्करी के लिए कड़ी सजा सुनिश्चित होगी."