बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) के कहर के बाद अब असम के लोग परेशान हैं. बिहार में दिमागी बुखार से करीब 200 बच्चों की मौत हो गई थी. अब असम के लोग इस कहर का सामना करने को मजबूर हैं. डिब्रूगढ़ के स्वास्थ्य समन्वयक अधिकारी डॉक्टर नवज्योति गोगोई ने कहा कि अब तक एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के 189 मामले सामने आए हैं. यह आंकड़ा जनवरी से अबतक का है. इनमें से 14 लोगों की मौत हो चुकी है. जापानी इनसेफेलाइटिस से 5 और एक्यूट इंसेफेलाइटिस से 9 लोगों की मौत हो चुकी है.
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वहीं बिहार में अबतक करीब 200 लोगों की मौत हो चुकी है. बिहार में लगभग 2 महीने से बुखार का कहर था. यह कहर बिहार के मुजफ्फरपुर में ज्यादा था. इस गंभीर बीमारी की चपेट में 200 बच्चे मौत की नींद सो गए. सरकार ने इस बीमारी को गंभीरता से नहीं लिया. केंद्र सरकार ने भी इसको लेकर सक्रियता नहीं दिखाई. यह बीमारी लीची की वजह से होता है. बारिश होने पर बीमारी के कहर में कमी आती है.
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पीएम मोदी ने इस मामले को लेकर अपनी गलती मानी थी. उन्होंने कहा कि यह मामला हमारे लिए शर्मनाक है. हम इसको रोक नहीं पाए. यह हमारी नाकामी है. इस मामले को लेकर बिहार के लोगों में काफी रोष था.
HIGHLIGHTS
- असम में दिमागी बुखार का कहर
- अबतक 14 लोगों की मौत
- 189 मामले सामने आए