असम में फिर से बाढ़ ने खतरनाक रूप ले लिया है, जिसके चलते काजीरंगा नेशनल पार्क में 225 जंगली जानवरों की मौत हो चुकी है।
काजीरंगा नेशनल पार्क के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। शनिवार तक काजीरंगा का 30 फीसदी हिस्सा बाढ़ में डुबा हुआ है।
इसी महीने इससे पहले काजीरंगा के निदेशक सत्येंद्र सिंह ने बताया था कि सीजन में आई पहली बाढ़ में नेशनल पार्क का 70 फीसदी हिस्सा डूब गया था और 105 जंगली जानवरों की मौत हुई थी।
सिंह ने कहा था, 'बाढ़ का पानी घटने लगा है, लेकिन बहुत धीमी गति से। काजीरंगा से बाढ़ के पूरी तरह खत्म होने में अभी कुछ और दिन लगेंगे।'
मृत जानवारों में 178 हिरन, 15 गैंडे, चार हाथी और एक चीता शामिल हैं। लेकिन बाढ़ पूरी तरह खत्म हो, उससे पहले ही फिर से भीषण बाढ़ आ गई, जिससे असम के 25 जिले और 33 लाख लोग प्रभावित हैं।
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बाढ़ के कारण बड़ी संख्या में मकान और सरकारी इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं, सड़कें धंस गई हैं और पुल बह गए हैं।
बाढ़ के चलते पूरा पूर्वोत्तर भारत देश के बाकि हिस्से से कटा हुआ है और मालदा और अलीपुरद्वार से आगे रेलगाड़ियों का संचालन भी पूरी तरह ठप है।
2012 में आई बाढ़ में काजीरंगा नेशनल पार्क में 793 वन्यपशुओं की मौत हो गई थी, जबकि पिछले साल 503 जंगली जानवर बाढ़ की भेंट चढ़ गए थे।
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Source : IANS