Assam Floods: असम में भारी बारिश के बीच बाढ़ न कहर बरपाना शुरू कर दिया है. इस बीच बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों को निकालने के लिए भारतीय वायुसेना ने मोर्चा संभाल लिया है. मंगलवार को भारतीय वायु सेना ने नदी के जल स्तर बढ़ने के बाद डिब्रूगढ़ के उत्तर में ब्रह्मपुत्र के मध्य में एक छोटे से द्वीप पर फंसे 13 मछुआरों की जान बचाई. भारतीय वायुसेना एक्स पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी. आईएएफ ने एक्स पर कहा, "आईएएफ ने असम में डिब्रूगढ़ के उत्तर में बाढ़ग्रस्त ब्रह्मपुत्र में एक छोटे से द्वीप से फंसे हुए 13 लोगों को बचाया." वायुसेना ने कहा कि एएफएस मोहनबाड़ी से एक एमआई-17 IV हेलीकॉप्टर ने 2 जुलाई को चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति में उड़ान भरी और जमीन के एक दलदली टुकड़े से बचाव अभियान चलाया.
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शुक्रवार को फंस गए थे मछुआरे
भारतीय वायु सेना ने आगे कहा कि, "पायलट और फ्लाइट गनर के संयुक्त प्रयासों से 13 जीवित बचे लोगों की त्वरित कार्रवाई करते हुए सुरक्षित निकाला. बचाए गए इन लोगों को भारतीय वायु सेना ने आपातकालीन प्राथमिक चिकित्सा प्रदान की. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अंतर्देशीय जल परिवहन नौकाओं के पूर्व कर्मियों ने शुक्रवार से ब्रह्मपुत्र के बीच में फंसे मछुआरों को बचाने का प्रयास किया था. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि बढ़ते जल स्तर और नदी की अत्यधिक धारा ने बचाव प्रयासों को रोक दिया है.
पानी में डूबे 233 में से 95 वन शिविर
इस बीच, असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है, क्योंकि बाढ़ के पानी में 95 वन शिविर डूब गए. बता दें कि इस पार्क में कुल 233 शिविर हैं. बाढ़ के चलते अधिकारियों ने छह शिविर खाली करा लिए हैं. पार्क प्राधिकरण के अनुसार, बाढ़ के पानी ने अग्राटोली रेंज में सभी 34 शिविरों, काजीरंगा रेंज में 20, बागोरी रेंज में 10, बुरापहाड़ रेंज में 5, बोकाखाट रेंज में 6 और बिश्वनाथ वन्यजीव प्रभाग में 20 शिविर जलमग्न हो गए हैं.
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काजीरंगा नेशनल पार्क की फील्ड डायरेक्टर सोनाली घोष ने कहा कि सोमवार को अगोराटोली रेंज में मोशगुली कैंप के पास एक लकड़ी का पुल बाढ़ के पानी में बह गया. उन्होंने कहा कि हाथियों के झुंड ने हाटी दांडी गलियारे के माध्यम से कार्बी आंगलोंग की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है. नागांव और गोलाघाट जिलों के तहत एनएच 715 खंड के लिए भारी यातायात परिवर्तन का अनुरोध किया गया है. आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 भी जारी की गई है.
इन जिलों में बढ़ा बाढ़ का खतरा
एएसडीएमए से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य के 19 जिलों- कामरूप, गोलाघाट, माजुली, लखीमपुर, करीमगंज, कछार, धेमाजी, मोरीगांव, उदलगुरी, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, नागांव, शिवसागर, दरांग, नलबाड़ी, सोनितपुर, तामुलपुर, बिश्वनाथ और जोरहाट बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य से होकर बहने वाली सभी नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान को पार कर गई हैं.
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Source : News Nation Bureau