Assam floods Update: पूर्वोत्तर के राज्यों में इनदिनों भारी बारिश का कहर देखने को मिल रहा है. भारी बारिश के चलते पूर्वोत्तर की नदियां उफान पर हैं. जिसके चलते कई इलाकों में बाढ़ आ गई है. सबसे बुरा हाल असम का है. जहां बाढ़ ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है. मिली जानकारी के मुताबिक, असम में अब तक बाढ़ के चलते 38 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य में पिछले 24 घंटों में बाढ़ के पानी में डूबने से 3 लोगों की मौत हुई है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, 2 जुलाई को तिनसुकिया जिले में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि धेमाजी जिले में एक की मौत हो गई. इसके बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 38 हो गई है.
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28 जिलों में 11 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित
बता दें कि राज्य में मंगलवार को बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है, जिससे 28 जिलों के 11.34 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. प्रभावित जिले हैं कामरूप, तामुलपुर, चिरांग, मोरीगांव, लखीमपुर, बिश्वनाथ, डिब्रूगढ़, करीमगंज, उदलगुरी, नागांव, बोंगाईगांव, सोनितपुर, गोलाघाट, होजई, दरांग, चराइदेव, नलबाड़ी, जोरहाट, शिवसागर, कार्बी आंगलोंग, गोलपारा, धेमाजी, माजुली , तिनसुकिया, कोकराझार, बारपेटा, कछार, कामरूप शामिल हैं. अकेले लखीमपुर जिले में बाढ़ से कुल 165319 लोग प्रभावित हुए हैं, इसके बाद दारांग जिले में 147143, गोलाघाट जिले में 106480, धेमाजी जिले में 101888 लोग प्रभावित हुए हैं. जबकि तिनसुकिया में 74848, बिश्वनाथ में 73074, कछार में 69567, माजुली में 66167, सोनितपुर में 65061 और मोरीगांव जिले में 48452 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.
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खतरने के निशान से ऊपर बह रहीं राज्य की नदियां
असम में बाढ़ के पानी से 42476.18 हेक्टेयर फसल क्षेत्र जलमग्न हो गया है. बाढ़ की दूसरी लहर में 84 राजस्व मंडलों के अंतर्गत 2208 गांव प्रभावित हुए. वहीं ब्रह्मपुत्र नदी का जल स्तर नेमाटीघाट, तेजपुर, गुवाहाटी और धुबरी में खतरे के स्तर के निशान से ऊपर बह रहा है, जबकि सुबनसिरी नदी बदतीघाट में, बुरहीदिहिंग नदी चेनिमारी खोवांग में, दिखौ नदी शिवसागर में खतरे के स्तर के निशान से ऊपर बह रही है. उधर नंगलामुराघाट में दिसांग नदी, नुमालीगढ़ में धनसिरी (एस) नदी, एनटी रोड क्रॉसिंग पर जिया-भराली नदी, एनएच रोड क्रॉसिंग पर पुथिमारी नदी, कामपुर में कोपिली नदी, रोड ब्रिज पर बेकी नदी, करीमगंज में कुशियारा नदी, बीपी घाट पर बराक नदी , घरमुरा में धलेश्वरी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
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2.87 लाख लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर
बता दें कि प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित जिलों में 489 राहत शिविर और वितरण केंद्र स्थापित किए हैं जहां लगभग 2.87 लाख लोग शरण ले रहे हैं. कई बाढ़ प्रभावित लोग अपने घरों में बाढ़ का पानी घुसने के बाद सुरक्षित स्थानों, ऊंची भूमि, स्कूल भवनों, सड़कों और पुलों पर शरण ले रहे हैं. स्थानीय प्रशासन, सेना, अर्धसैनिक बल, एसडीआरएफ और सर्किल ऑफिस की बचाव टीमें कई जगहों पर बचाव कार्य में जुटी हैं और मंगलवार को विभिन्न बाढ़ प्रभावित इलाकों से करीब 2900 लोगों को बचाया गया. प्रशासन ने मंगलवार को बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच 10754.98 क्विंटल चावल, 1958.89 क्विंटल दाल, 554.91 क्विंटल नमक और 23061.44 लीटर सरसों तेल वितरित किया और मवेशियों का चारा भी उपलब्ध कराया.
बाढ़ से टूटीं सड़कें और पुल
एएसडीएमए बाढ़ रिपोर्ट में कहा गया है कि 832099 जानवर भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. मंगलवार को बाढ़ के पानी ने 74 सड़कों, 6 पुलों और 14 तटबंधों को क्षतिग्रस्त कर दिया और 5 तटबंध टूट गए हैं.
Source : News Nation Bureau