असम में पानी ने हर तरफ कहर मचा रखा है. बीते कुछ दशकों में असम राज्य सबसे बड़ी तबाही झेल रहा है. अब तक 45 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हो चुके हैं, जिसमें से अधिकतर बेघर-बार होकर दूसरी जगहों पर शरण लेने को विवश हो चले हैं. यही नहीं, बीते 24 घंटों में आधा दर्जन से ज्यादा मौतों के साथ ही अब तक असम में बाढ़ से 108 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इस बीच प्रधानमंत्री ने राहत-बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये हैं. यही वहीं, प्रधानमंत्री ने कहा पूरे राज्य में जल्द से जल्द राहत एवं बाद के हालात पर काबू पाया जाए.
ब्रह्मपुत्र और बराक नदियां उफान पर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि केंद्र असम में बाढ़ की स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा है तथा इस चुनौती से निपटने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करने की खातिर राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सेना और एनडीआरएफ के दल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद हैं. वे बचाव अभियान चला रहे हैं और प्रभावित लोगों की मदद कर रहे हैं. वायुसेना ने बचाव अभियान के तहत 250 से अधिक उड़ानें भरी हैं.’ इस बीच बाढ़ की वजह से अबतक 108 लोगों की मौत हो चुकी है. अधिकांश प्रभावित जिलों में ब्रह्मपुत्र और बराक नदियां तथा उनकी सहायक नदियां उफान पर हैं. हालांकि कुछ जगहों पर बाढ़ का पानी घटा है. अधिकारियों ने बताया कि राज्य में मई के मध्य में आई बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ कर अब 108 हो गई है.
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असम: हर जगह बाढ़ का पानी
बता दें कि इस साल असम ने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिये हैं. रिकॉर्ड मात्रा में बारिश होने की वजह से राज्य का सिस्टम उस पर काबू न पा सका. इसलिए लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों की तरफ विस्थापित होना पड़ा.
HIGHLIGHTS
- असम से बाढ़ से हालात बिगड़े
- पीएम मोदी ने की संयत बरतने की अपील
- सरकार अपने स्तर पर ला रही तेजी