असम के गोलाघाट और जोरहट जिले में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 80 हो गई है. अधिकारियों ने आशंका जताई है कि मरने वालों की संख्या 100 के पार भी जा सकती है. अधिकारी के मुताबिक, 20 से अधिक लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है जिनकी हालत गंभीर है. इस शराब से करीब 100 से ज्यादा लोग बीमार भी हैं. घटना तब हुई जब चाय बगान के कर्मचारी संजय उरांव ने स्थानीय देसी शराब 'सुलाई' लेकर आए थे. हाल्मिरा चाय बगान के अन्य कर्मी भी उसके घर से शराब लेकर आए थे.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने रविवार को जोरहाट मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जेएमसीएच) का दौरा करने के बाद कहा कि हर मिनट मरने वालों की संख्या बढ़ रही है.
पुलिस उपाधीक्षक पार्था प्रोतिम साकिया ने कहा कि शराब के सैंपल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. हालांकि उन्होंने कहा कि शराब को जिस कैन में लाया गया था वह दूषित हो सकता है.
उन्होंने कहा कि शराब टी एस्टेट में नहीं बनाई गई थी बल्कि बाहर से लाया गया था. वहीं मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोबल ने इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच कराने का आदेश दिया है.
स्थानीय लोगों के अनुसार, एस्टेट में गुरुवार रात कई लोगों ने एक दुकानदार से शराब खरीदकर पी थी. उनमें से कई लोग तुरंत बीमार पड़ गए. कहा जा रहा है कि कई लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती नहीं हुए हैं.
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उन्होंने पुलिस और अवैध शराब विक्रेताओं में मिलीभगत होने का भी आरोप लगाया है. असम के आबकारी मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य ने शुक्रवार को जांच के आदेश दिए थे.
शुक्लाबैद्य ने कहा, 'सरकार ने दो आबकारी अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार पाते हुए निलंबित कर दिया है. हमने अतिरिक्त आयुक्त संजीव मेढी की अगुआई में आबकारी विभाग की 4 सदस्यीय समिति को इसकी जांच करने का निर्देश दिया है.' समिति को जांच रिपोर्ट 3 दिनों में पेश करने का निर्देश दिया गया है.
Source : News Nation Bureau