असम सीमा ढांचों को मजबूत करने के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च करेगा

असम के साथ 263 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा की जा रही है, जबकि 267 किलोमीटर भारत-भूटान अंतर्राष्ट्रीय सीमा सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) द्वारा संचालित है.

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Shailendra Kumar
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असम सीमा ढांचों को मजबूत करने के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च करेगा( Photo Credit : IANS)

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राज्य की सीमाओं के साथ सुरक्षा संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए असम सरकार ने 100 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. बॉर्डर प्रोटेक्शन एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट (बीपीडीडी) के एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए एमओआईटीआरआई योजना के अनुरूप, असम सरकार बॉर्डर आउटपोस्ट्स (बीओपी) के ढांचागत विकास के लिए एक योजना शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

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उन्होंने कहा कि योजना के पहले चरण में, 50 बीओपी को अपग्रेड किया जाएगा और इस उद्देश्य के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये रखे गए हैं. इसके बाद, राज्य के अन्य बीओपी योजना के तहत शामिल किए जाएंगे. अधिकारी ने कहा, "असम को अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ और अवैध प्रवासियों से मुक्त बनाने के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा को सील करना सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस उद्देश्य के लिए सीमा को भौतिक और अभौतिक बाधाओं से दूर किया जा रहा है."

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असम के साथ 263 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा की जा रही है, जबकि 267 किलोमीटर भारत-भूटान अंतर्राष्ट्रीय सीमा सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) द्वारा संचालित है. असम पुलिस द्वारा बचाव की एक दूसरी पंक्ति खड़ी की जा रही है.

इसके अलावा, असम सिक्किम को छोड़कर, छह पूर्वोत्तर राज्यों के साथ 2616.1 किलोमीटर अंतर-राज्य सीमाओं को साझा करता है. अधिकारी ने कहा कि बीपीडीडी का उद्देश्य राज्य के दूरस्थ सीमावर्ती क्षेत्रों में अवसंरचनात्मक सुविधाओं का निर्माण करके और पूरे क्षेत्र को राज्य के अन्य सभी विकसित शहरी क्षेत्रों के स्तर पर लाकर सभी भौतिक सुख-सुविधाओं से परिचित कराना है. सीमा की आबादी के जीवन और संपत्तियों की सुरक्षा.

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एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बीपीडीडी की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि अंतर-राज्य सीमा क्षेत्रों के कुशल प्रबंधन और सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए बीओपीडी की ओर जाने वाली सड़कों को बनाने की जरूरत है. साथ ही बीओपी में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए प्रावधान किया जाना चाहिए. सोनोवाल ने कहा कि सरकार को इसकी जानकारी है कि सीमावर्ती इलाकों सहित बीओपी के संचालन में सुरक्षाकर्मियों को कितनी तकलीफों का सामना करना पड़ता है.

Source : IANS

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