असम समझौते की धारा छह संबंधी उच्च स्तरीय समिति ने अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश कर दी है और अब यह रिपोर्ट राज्य सरकार के असम समझौता कार्यान्वयन विभाग के पास है. समिति के अध्यक्ष के कार्यालय द्वारा गुरुवार को जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गयी है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि न्यायमूर्ति बी के शर्मा की अध्यक्षता वाली समिति ने 10 फरवरी को रिपोर्ट तैयार कर ली. यह रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में है और अब यह असम समझौता कार्यान्वयन विभाग के संयुक्त सचिव के पास है. विज्ञप्ति के अनुसार समिति ने आवश्यक कार्रवाई के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी सूचित किया है.
असम समझौते की धारा छह में कहा गया है कि असमिया लोगों की सांस्कृतिक, सामाजिक, भाषाई पहचान और विरासत की रक्षा और संरक्षण के लिए संवैधानिक, विधायी तथा प्रशासनिक सुरक्षा उपाय किए जाएंगे. असम समझौते पर 1985 में हस्ताक्षर किए गए थे. उससे पहले असम में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों का पता लगाने के लिए 1979 से 1985 के बीच छह साल आंदोलन हुआ था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जनवरी 2019 में असमिया लोगों के लिए छह महीने के अंदर सुरक्षा उपायों की सिफारिश करने के लिए समिति के गठन की घोषणा की थी.
Source : Bhasha