मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग के हिंसा प्रभावित इलाकों में आज भी कर्फ्यू जारी रहा, जबकि इंटरनेट और मोबाइल टेलीफोन पर रोक बरकरार है। हालांकि, हालात में सुधार दिख रहा है।
ईस्ट खासी हिल्स के उपायुक्त पी.एस. दखार ने कहा, 'आज हमने कर्फ्यू में ढील नहीं देने का निर्णय लिया है, हालांकि इलाके में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। हम हालात पर नजर बनाए हुए हैं।'
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'सेना अभी भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 15 कंपनियां तैनात की गई हैं और 10 अतिरिक्त कंपनियां शिलांग में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस की सहायता के लिए आ रही हैं।'
दखार ने सोमवार को कहा था कि रात का कर्फ्यू पूरे शिलॉन्ग शहर में जारी रहेगा। ऐसा शहर के दूसरे हिस्सों में अशांति फैलने के डर के वजह से किया गया था।
अवैध रूप से पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर रोक है।
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मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा कि सरकार ने उप मुख्यमंत्री प्रेस्टोन तेनसांग की अध्यक्षता में सफाईकर्मियों की कॉलोनी के स्थानांतरण के लंबित मामले के स्थायी समाधान के लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनाने का निर्णय लिया है।
जिला मजिस्ट्रेट ने पंजाबी व जनजातीय खासी समुदाय के सदस्यों के बीच हिसा के बाद एक जून को कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया था।
कर्फ्यू में रविवार सुबह आठ बजे से सात घंटे ढील दी गई थी, लेकिन भीड़ ने सुरक्षा बलों पर पथराव जारी रखा, जिससे सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
क्या है मामला ?
शिलॉन्ग में झड़प कुछ महिलाओं और एसपीटीएस बस के चालक के बीच हुए झगड़े के बाद भड़की, जिसमें तीन लोगों पर हमला हुआ और झगड़े में शामिल लोग गालीगलौच करने लगे थे।
घटना की न्यायायिक जांच कराने और अफवाह फैलाने व हिंसा भड़काने वालों की पहचान करने के आदेश दिए गए हैं।
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Source : IANS