मणिपुर हाईकोर्ट ने रासुका के तहत गिरफ्तार पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को बुधवार को जेल से रिहा कर दिया है. इससे पहले मणिपुर हाईकोर्ट ने सोमवार को पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को रिहा करने का आदेश दिया था. वांगखेम को सोशल मीडिया पर वायरल एक यूट्यूब वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और आरएसएस की आलोचना करने के लिए नवंबर 2018 में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ़्तार किया गया था.
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किशोरचंद्र मणिपुर के स्थानीय टीवी चैनल आईएसटीवी (ISTV) में एंकर थे. उनकी गिरफ़्तारी के बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था. सत्तारूढ़ पार्टी के ख़िलाफ़ बोलने के लिए आईपीसी की धारा 124ए (राजद्रोह) और रासुका के तहत पत्रकार की गिरफ़्तारी को लेकर बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की मणिपुर और इसके बाहर व्यापक आलोचना हो रही है.
वांगखेम ने राज्य सरकार द्वारा रानी लक्ष्मीबाई का जन्मदिन मनाने और ब्रिटिशों के ख़िलाफ़ रानी लक्ष्मीबाई के युद्ध को मणिपुर के स्वतंत्रता आंदोलन के बराबर बताने पर बात की थी. हालांकि, एक स्थानीय अदालत ने 124ए के तहत लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें नवंबर के अंत में बरी कर दिया था लेकिन राज्य पुलिस ने उन्हें 24 घंटों के भीतर दोबारा हिरासत में ले लिया और उन पर रासुका के तहत मामला दर्ज किया.
Source : News Nation Bureau