मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प पर संसद में विपक्षी दलों के रुख की आलोचना की. मणिपुर के मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट में कहा- तवांग सेक्टर में भारतीय सेना और चीनी पीएलए के बीच टकराव का राजनीतिकरण करते हुए विपक्ष को देखना दुर्भाग्यपूर्ण है. भारत शांति और स्थिरता चाहता है. हालांकि, भारत किसी भी आक्रामकता को बर्दाश्त नहीं करेगा और हमारे क्षेत्र में उल्लंघन करने पर करारा जवाब दिया जाएगा.
इससे पहले, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को कहा कि यह तय करना सेना का विशेषाधिकार है कि क्या कहना है, कब कहना है और किसे विश्वास में लेना है. सरमा ने मीडिया से बात करते हुए दिल्ली में कहा, तवांग में सेना चीन के साथ अहम लड़ाई में लगी हुई है. यह आंखों की पुतली थी. सेना किस तरह से चीन से लोहा ले रही है ये हम सभी वीडियो में देख चुके हैं. साथ ही उन्होंने सरकार से सीमा मुद्दे पर विपक्षी दलों को कोई भी जानकारी साझा नहीं करने का अनुरोध किया.
इस बीच, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के एक प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय वायुसेना की पूर्वी वायु कमान 15 और 16 दिसंबर को अपनी जिम्मेदारी के क्षेत्र में पूर्व नियोजित नियमित अभ्यास कर रही है. प्रवक्ता ने कहा, अभ्यास की योजना तवांग (अरुणाचल प्रदेश) में हाल के घटनाक्रमों से काफी पहले बनाई गई थी और यह इससे जुड़ा नहीं है. यह अभ्यास भारतीय वायुसेना के चालक दल के प्रशिक्षण के लिए आयोजित किया जा रहा है.
9 दिसंबर को, पीएलए के सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर घुसपैठ की, लेकिन भारतीय सैनिकों ने ²ढ़ता से उनका मुकाबला किया, जिसके बाद दोनों के बीच झड़प हुई. सूत्रों ने कहा कि हालांकि किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान या बड़ी चोटों की सूचना नहीं है, लेकिन झड़प के दौरान कुछ भारतीय और चीनी सैनिकों को मामूली चोटें आईं.
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Source : IANS