Manipur Violence: पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में जारी हिंसा के बीच सुरक्षा बढ़ाने का ऐलान किया गया है. राज्य सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि है कि राज्य के हालातों को देखते हुए केंद्र मणिपुर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की अतिरिक्त 90 कंपनियां भेजेगा. फिलहाल राज्य में सीएपीएफ की 198 कंपनियां मौजूद है. 90 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती के बाद इनकी संख्या बढ़कर 188 हो जाएगी.
मणिपुर हिंसा में अब तक मारे गए 258 लोग
इसी के साथ मणिपुर के राज्य सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने बताया कि राज्य में पिछले साल मई से जारी जातीय हिंसा में अब तक 258 लोगों की मौत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि, 'आज, हमने एक सुरक्षा समीक्षा बैठक की और इस बैठक में, हमने सभी जिलों और इंफाल शहर की सुरक्षा की समीक्षा की. बैठक के दौरान सेना, पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी के अधिकारी मौजूद थे.' उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या से निपटने के लिए हम सब एक साथ हैं.
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इंफाल पहुंची सीएपीएफ की कई कंपनियां
इस दौरान उन्होंने कहा कि, "हमने सभी जिलों के डीसी और एसपी के साथ मुद्दों पर चर्चा की. आप अब तक जान चुके हैं कि हमें अतिरिक्त बल की लगभग 90 कंपनियां मिल रही हैं, यहां अभी भी 198 कंपनियां तैनात हैं 70 कंपनियां और आ रही हैं, जिसका एक बड़ा हिस्सा पहले ही इंफाल पहुंच चुका है.
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32 लोगों को किया गया गिरफ्तार
राज्य सुरक्षा सलाहकार ने आगे कहा कि, हाल ही में हुई हिंसा के दौरान मंत्रियों और विधायकों की संपत्तियों में तोड़फोड़ और आग लगाने के मामले में 32 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि लूटे गए लगभग 3,000 हथियार भी बरामद किए गए हैं.
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'मंत्रियों की संपत्ति लूटने में शामिल संदिग्धों की हुई पहचान'
शुक्रवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि 16 नवंबर को विरोध प्रदर्शन के दौरान मंत्रियों और विधायकों की संपत्ति लूटने में शामिल संदिग्धों की पहचान कर ली गई है. उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक आंदोलन के नाम पर, कुछ गिरोहों ने मंत्रियों और विधायकों के आवासों को लूट लिया और आग लगा दी. सीसीटीवी के माध्यम से संदिग्धों की पहचान कर ली गई है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है.