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Manipur Violence: हिंसा की आग में फिर सुलगने लगा मणिपुर, इम्फाल घाटी में लगा कर्फ्यू, इंटरनेट बंद

Manipur Violence: मणिपुर में मैतई समुदाय के छह सदस्यों के अपहरण और तीन अज्ञात लोगों के शव बरामद होने के बाद राज्य में हिंसा भड़क गई. जिस पर काबू पाने के लिए इंफाल घाटी में कर्फ्यू लगा दिया है और कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.

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Suhel Khan
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manipur violence 17 November

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा (Social Media)

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Manipur Violence: पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा भड़क गई है. इसके बाद इम्फाल घाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया है. इसके साथ ही मणिपुर के मुख्य सचिव ने इम्फाल पश्चिम और इम्फाल पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगकोकपी और चुरचांदपुर में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने की घोषणा की. बता दें कि मणिपुर में पिछले साल मई में हिंसा शुरू हुई थी. इसके बाद से लेकर अब तक इस हिंसा में कई दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है.

मैतेई समुदाय के छह सदस्यों के अपहरण के बाद तनाव

बता दें कि मैतेई परिवार के छह सदस्यों के अपहरण और उसके बाद तीन अज्ञात शवों की बरामदगी को लेकर बढ़ते तनाव के बीच मणिपुर में अधिकारियों ने शनिवार को इम्फाल घाटी में कर्फ्यू लगा दिया. इसके साथ ही राज्य के कम से कम सात जिलों में इंटरनेट निलंबित कर दिया. बता दें कि हाल ही में राज्य सरकार ने केंद्र से आग्रह किया था मणिपुर के कुछ हिस्सों में हाल ही में दोबारा लागू किए गए अफस्पा को वापस ले लिया जाए.

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मंत्रियों और विधायकों घर में तोड़फोड़

इस हिंसा के दौरान गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने राज्य के दो मंत्रियों सपम रंजन लाम्फेल सनकीथेल और एल सुसिंद्रो सिंह के अलावा पांच विधायकों एस कुंजकेसर, आरके इमो, के रघुमणि, सपम निशिकांत और जॉयकिसन के आवासों पर हमला बोल दिया और जमकर आगजनी की. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई दुकानों में आग लगा दी और वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया. यही नहीं शनिवार देर रात मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के निजी आवास पर भी प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया.

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इंफाल घाटी में लगा कर्फ्यू

हिंसा को देखते हुए इंफाल पश्चिम के जिला मजिस्ट्रेट टी किरणकुमार और इंफाल पूर्व के जिला मजिस्ट्रेट खुमानथेम डायना ने इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम के दोनों क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है. मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी ने इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगकोकपी और चर्चंदपुर में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने की घोषणा की, जिसमें मैतेई और आदिवासी समुदायों दोनों के गढ़ शामिल हैं.

मणिपुर में कैसे भड़की हिंसा की ताजा चिंगारी

बता दें कि इससे पहले बीते सोमवार को जिरीबाम जिले में हथियारबंद लोगों के एक समूह ने सीआरपीएफ चौकी पर हमला कर दिया था. हालांकि इस दौरान सुरक्षा बलों ने 10 संदिग्ध उग्रवादियों को मार गिराया था. इसके एक दिन बार यानी मंगलवार को जिरीबाम गांव से दो नागरिकों के शव बरामद किए गए.

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उसी गांव के मैतेई परिवार के छह सदस्यों में तीन महिलाएं और तीन बच्चे के लापता होने की सूचना मिली थी, अधिकारियों ने कहा कि संभवत: उग्रवादियों ने उनका अपहरण कर लिया था. उनकी पहचान युरेम्बम रानी देवी (60), तेलेम थोइबी देबी (31), लाइसराम हेइतोम्बी देवी (25), तेलेम थजमानबी देवी (8), लाइसराम चिंगखेइगानबा सिंह (2) और लाइसराम लंगम्बा सिंह (8 महीने) के रूप में की गई थी.

उसके बाद शुक्रवार को मणिपुर-असम सीमा के पास एक शिशु समेत दो बच्चों और एक महिला के क्षत-विक्षत शव बरामद किए गए. जिससे अटकलें लगाई जाने लगीं कि ये शव अपहृत लोगों में से ही हैं. इसके बाद इंफाल घाटी में एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, जो शनिवार को हिंसा में बदल गया.

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