सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को असम में विदेशी लोगों की हिरासत से जुड़े एक मामले में अधिकारियों के पर्याप्त सक्रियता नहीं दिखाने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही राज्य के मुख्य सचिव को उसके समक्ष 8 अप्रैल को पेश होने का निर्देश जारी किया. कोर्ट ने यह आदेश असम में हिरासत केंद्रों की स्थिति और वहां मौजूद विदेशी लोगों की हालत को लेकर दायर याचिका पर दिया. यह याचिका सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदेर ने दायर की है. इस मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी.
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चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने असम सरकार द्वारा दायर एक हलफनामे को ‘फ़िज़ूल की कवायद’ बताते हुए कहा कि वे यह जानना चाहते हैं कि जिन लोगों को न्यायाधिकरण ने विदेशी घोषित किया है, उनमें से कितने लोग स्थानीय आबादी के साथ घुलमिल गए हैं.
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इस पीठ में न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी हैं. उन्होंने अधिकारियों की कोर्ट में गैरहाजिरी पर नाराज होते कहा, 'उन विदेशी लोगों की संख्या कितनी है जो स्थानीय आबादी के साथ घुलमिल गए हैं. इसलिए हम चाहते हैं कि आपके मुख्य सचिव अदालत में उपस्थित हों.'
Source : PTI