चंडीगढ़ पीजीआई (PGI) से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसे देखकर लोग भावुक हो गए. पीजीआई गेट पर दो माह की एक मासूम जमीन पर पड़ी हुई है. पास में बच्ची के पास कोरोना मरीज भी खड़े हैं. उसकी मां कहती है कि वह सूद भवन नहीं जाएगी. वहां न तो दूध की व्यवस्था है और न ही अच्छे खाने की. वहां मरने से अच्छा मेरी बेटी यहीं मर जाए. पीजीआई के डॉक्टर उसे मनाने की कोशिश करते है लेकिन महिला मानने को तैयार नहीं होती है.
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नई डिस्चार्ज पॉलिसी के मुताबिक, पीजीआई से गुरुवार दोपहर लगभग 12 बजे सात कोरोना पॉजिटिव मरीजों को डिस्चार्ज किया गया. सभी को सेक्टर-22 स्थित सूद भवन में शिफ्ट किया जाना था लेकिन सेक्टर-25 निवासी 2 माह की कोरोना पॉजिटिव बच्ची की मां ने सूद भवन जाने से इंकार कर दिया. महिला ने कहा कि मेरी दो माह की बेटी है. मुझे फोन पर किसी ने बताया है कि प्रशासन की ओर से धर्मशाला में न बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था की गई है और न मरीजों को अच्छा खाना मिल रहा है.
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धर्मशाला में जिन लोगों को क्वारंटीन किया गया है, सब परेशान हैं. काफी देर तक डॉक्टर व महिला के बीच बहस होती रही. उसके बाद महिला ने बच्ची को जमीन पर रख दिया. करीब 10 मिनट तक बच्ची जमीन पर पड़ी रही. इस बीच डॉक्टरों ने महिला को समझाया और उसे भरोसा दिलाया कि धर्मशाला में मरीजों के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं. फिर भी जब महिला नहीं मानी तो उसे उसकी बच्ची के साथ पीजीआई के डॉक्टर फिर से नेहरू एक्सटेंशन सेंटर में वापस ले गए और बच्ची को भर्ती कर लिया.
Source : News Nation Bureau