तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के बाद अब कर्नाटक में ‘कंबाला’ के आयोजन की मांग भी हुई तेज

तमिलनाडु में जल्लीकट्टू की मांग को देखकर अब पड़ोसी राज्य कर्नाटक में दलदली खेतों में सालाना भैंसा दौड़ ‘कंबाला’ के आयोजन की मांग तेज हो गई है।

author-image
sankalp thakur
एडिट
New Update
तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के बाद अब कर्नाटक में ‘कंबाला’ के आयोजन की मांग भी हुई तेज
Advertisment

तमिलनाडु में जल्लीकट्टू को लेकर हुए बवाल के बाद केंद्र सरकार ने अध्यादेश को मंजूरी दे दी है और लगभग उत्सव मनाने का रास्ता साफ हो गया है। राष्ट्रपति के मुहर लगनी बांकी है।  तमिलनाडु में जल्लीकट्टू की मांग को देखकर अब पड़ोसी राज्य कर्नाटक में दलदली खेतों में सालाना भैंसा दौड़ ‘कंबाला’ के आयोजन की मांग तेज हो गई है। कंबाला समितियों ने भी कानून की मांग करने की ठान ली है।

कंबाला समितियों ने अपनी मांग को लेकर आवाज उठाने के लिए रणनीति बनाई है। कंबाला समिति अध्यक्ष अशोक राय कह कहना है, 'उन्हें भी इजाजत मिलनी चाहिए क्योंकि इसमें किसी तरह की हिंसा नहीं होती। यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है।'

उन्होंने कहा, 'अगले सप्ताह बुधवार या गुरुवार को हम लोग क्षेत्र में आंदोलन छेड़ने की रणनीति बना रहे हैं। मंगलुरु में बड़े पैमाने पर आंदोलन कर हम राजनेताओं और पूरे देश का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करेंगे।उडुपी और मंगलुरु क्षेत्रों से कंबाला प्रेमी तथा 150 से 200 जोड़ी भैंसा इसमें भाग लेंगे।'

पिछले साल नवंबर में PETA की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट ने कंबाला पर रोक लगा दी थी।

Source : News Nation Bureau

Jallikattu Kambala
Advertisment
Advertisment
Advertisment