वित्तीय वर्ष के पहली तिमाही के दौरान राजस्व में बढ्ढोत्तरी होने के बाद भी आंध्र प्रदेश सरकार को अपने कमर्चारियों को सैलरी देने में परेशानी हो रही है। गौरतलब है कि पहली तिमाही में राज्य के विकास की दर 12.26 फीसदी रही और वार्षिक विकास में इसका लक्ष्य 15 फीसदी का है।
राज्य की आर्थिक स्थिति के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने स्वीकार करते हुए कहा,' सैलेरी देने के लिए हमारे पास पैसे नहीं है। हम पहले से ही काफी खर्चा कर चुके है। पिछले साल की तुलना में राजस्व इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 20,166 करोड़ से 13 फीसदी बढ़कर 22,800 करोड़ हो गया।'
लेकिन चिंता की बात ये है कि इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में राजस्व का कर्ज भी 6,641 करोड़ बढ़ गया। हालांकि सरकार ने 2016-17 में 4,868 करोड़ के कर्ज का अनुमान लगाया था। लेकिन खर्चों के कारण ये बढ़ गया।
राज्य के वित्तमंत्री यनामाला रामक्रिशनुंधु ने कहा कि खर्चो और वित्तीय मामलों को संभालने का सरकार पर बहुत ज्यादा दबाव है।
Source : News Nation Bureau