बेंगलुरु का चमराजपेट मैदान एक बार फिर चर्चा में है. वजह है बीजेपी के नेशनल जनरल सेक्रेटरी सीटी रवि की मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को लिखी एक चिट्ठी हैं, जिसमें सिटी रवि ने कहा है की कुछ हिंदू संगठनों के लोग इस मैदान में गणेश पंडाल लगाना चाहते हैं लिहाजा उन्हें इजाजत दी जाए। कुछ दिन पहले ही बेंगलुरु महानगर पालिका ने कहा था की यह ईदगाह मैदान नहीं है बल्कि रेवेन्यू विभाग का मैदान है. लिहाजा अब लगातार हिंदू संगठन मांग कर रहे हैं कि इस मैदान में उनके धार्मिक त्योहारों को मानने की इजाजत भी दी जाए।
मैदान को लेकर उठे विवाद को देखते हुवे इस मैदान को सुरक्षा छावनी में बदल दिया गया है. रात दिन पुलिस मैदान और आसपास के इलाके में तैनात रहती है। दरअसल इस मैदान को लेकर विवाद की शरुआत 1952 में हुई थी जब उस समय की सरकार ने मैदान की जमीन में स्कूल बनाने का फैसला किया था. लेकिन कुछ मुस्लिम संगठनों ने इसका विरोध किया और मामला अदालत तक पहुंच गया। हालांकि 1954 में अदालत ने स्कूल बनाने की इजाजत दे दी लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया और 1963 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा की यह मैदान सेंट्रल मुस्लिम एसोसिएशन की है और एक साल बाद वक्फ बोर्ड ने नोटिस जारी करते हुए कहा था की यह उनकी जमीन है. अब कुछ दिन पहले ही बीबीएमपी ने कहा की वक्फ बोर्ड ने दस्तावेज नहीं दिए लिहाजा यह मैदान रेवेन्यू विभाग का है। हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सी.टी.रवि की चिट्ठी का जवाब नहीं दिया है और न ही रेवेन्यू विभाग ने मैदान में फिलहाल गणेश पंडाल लगाने की इजाजत किसी संगठन को दी है।
Source : Yasir Mushtaq