तेलंगाना में राष्ट्रीय कार्यकारणी बैठक से पहले बीजेपी ने तेलंगाना में अपनी जड़ों को मजबूत करने के लिए योजना बनाई हैं। हैदराबाद में बैठक कराकर बीजेपी ने पहले ही अपने मिशन दक्षिण का संकेत दे दिया हैं साथ ही अब तेलंगाना की 119 विधानसभाओं में मंत्रियों और पदाधिकारियों को 48 घंटे गुजराने का निर्देश दिए हैं। मिशन तेलंगाना के लिए बीजेपी की यह शुरुवाती रणनीति हैं। तेलंगाना में लोकसभा चुनाव के नतीजों ने बीजेपी को उम्मीद दिखाई है। दक्षिण यानी आंध्र प्रदेश में बीजेपी ने साल 1985 टीडीपी के साथ मिलकर जहाँ सात सीट जीती थी, वहीं 1990 में टीडीपी के साथ मिलकर चार सीट जीती थी। लेकिन तेलंगाना में 2019 लोकसभा चुनाव में विपरीत परिस्थितियों में चार सीट जीतने पर पार्टी का मनोबल बढ़ा हुआ हैं। क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को केवल 10 फीसदी वोट मिलें थे जो 2019 के लोकसभा चुनाव में लगभग 19 फीसदी हो गए जो कि पार्टी के बड़ी उपलब्धि रहीं है।
तेलंगाना में टीआरएस को चुनौती देते हुए केवल बीजेपी ही दिख रहीं है , जिसकी बड़ी वजह कांग्रेस का लगातार कमजोर होना हैं। तेलंगाना में केसीआर ने जिस तरह से अपने दोनों कार्यकाल में कांग्रेस के विधायकों को तोड़ा है , कांग्रेस को कमजोर किया हैं ऐसी स्थिति में बीजेपी की सीधी टक्कर फिलहाल टीआरएस से होगी । जिसको लेकर बीजेपी ने माहौल बनाना शुरू कर दिया हैं।
बीजेपी ने तेलगांना में 70 प्लस का नारा दिया उसके लिए माहौल राष्ट्रीय कार्यकारणी से पहले पूरी तरह बनाया जा रह हैं , सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी कार्यकारणी बैठक से पहले ही प्रधानमंत्री का तेलंगाना में रोड शो भी करवा सकती हैं। जिसका बड़ा असर भी देखने को मिल सकता है। कुल मिलाकर अब बीजेपी आक्रामक प्रचार और सधी हुई रणनीति से तेलंगाना मिशन पर लग रहीं है।
Source : Nishant Rai