आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने विधानसभा की तुलना 'कौरव सभा' से करते हुए 2024 तक आंध्र प्रदेश विधानसभा का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. नायडू ने यह फैसला वाईएसआरसीपी के मंत्रियों औऱ विधायकों द्वारा विपक्ष के नेताओं का चरित्र हनन करना बताया है. राज्य में सत्ता पक्ष औऱ विपक्ष के बीच मतभेद बढ़ता जा रहा है. दोनों एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू अमरावती में एक प्रेस कांफ्रेंस करके जगनमोहन रेड्डी सरकार पर हमला बोला है. टीडीपी ने एक बयान में कहा कि आंध्र प्रदेश विधानसभा 'कौरव सभा' बन गयी है और वाईएसआरसीपी के मंत्रियों और विधायकों द्वारा विपक्ष के नेताओं का 'चरित्र हनन' किया जा रहा है. टीडीपी इसके विरोध में 2024 तक इसका बहिष्कार करने का फैसला किया है.
पिछले दिनों तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने अपने कार्यालयों पर हुए कथित हमले को राज्य प्रायोजित आतंकवाद बताया था. तब पार्टी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन को अवगत कराया गया था. उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस और सरकार की मिलीभगत से ही टीडीपी के कार्यालयों में हमला किया गया है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में जब उन्होंने डीजीपी गौतम सवांग को फोन किया तो उन्होंने फोन कॉल का जवाब नहीं दिया.
तेलुगु देशम पार्टी सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि उनके पार्टी कार्यालयों पर हुए हमले पूरी तरह से संगठित थे. उन्होंने लोगों से राज्यव्यापी बंद का आह्वान करते हुए कहा कि अनुच्छेद 365 के कार्यान्वयन के लिए पूछने में संकोच क्यों करें. उन्होंने पार्टी कार्यालय में हुई तोड़फोड़ को राज्य की कानून-व्यवस्था की विफलता बताया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में जिस तरह का माहौल है उसे देखने के बाद डीजीपी इस पद के लिए बिल्कुल फिट नहीं हैं.
Source : News Nation Bureau