ओडिशा में एक लाख लोगों ने पृथक-वास की अवधि पूरी कर ली है. इनमें से ज्यादातर लोग दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूर हैं. मुख्य सचिव ए के त्रिपाठी ने बताया कि ओडिशा के कोरोना वायरस प्रबंधन के मॉडल की सभी ने तारीफ की है. साथ ही यहां मृत्यु दर देश में सबसे कम (0.46 प्रतिशत) है जिसकी भी सभी ने प्रशंसा की है. उन्होंने कहा, ‘‘यह एक उभरता हुआ संकट है और इसलिए हमारी रणनीतियां भी सावधानीपूर्वक बनाई जानी चाहिए.
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हमारी प्रतिक्रिया तेज और लचीली है.’’ वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ओडिशा में अभी कोविड-19 के 777 मामले हैं जबकि 733 लोग स्वस्थ हो चुके हैं इस संक्रामक रोग से राज्य में सात लोगों की मौत हुई है. त्रिपाठी ने कहा कि राज्य का ध्यान चार चीजों पर केंद्रित है जिसमें राज्य लौटने वाले सभी लोगों को अनिवार्य रूप से पृथक करना, बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस की जांच, पंचायती राज संस्थाओं या समुदायों की भागीदारी और इस बीमारी की तरफ वैज्ञानिक रुख अपनाना शामिल हैं.
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उन्होंने बताया कि ओडिशा में राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक जांच की गई है. उन्होंने कहा, ‘‘राज्य ने हर 10 लाख लोगों पर 2,861 नमूनों की जांच की है जबकि राष्ट्रीय आंकड़ा 2,360 है.’’ मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार ने अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए 15 दिन का सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) अभियान चलाने का फैसला किया है.
Source : Bhasha