Earthquake in Assam: असम के तेजपुर में बुधवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. ये भूकंप बुधवार सुबह 5.53 बजे आया. भूकंप के झटके आने के बाद लोग बुरी तरह से डर गए और अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के मुताबिक, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.4 दर्ज की गई. इस भूकंप से अभी तक किसी भी तरह के जान या माल के नुकसान की कोई खबर है. बता दें कि हाल के दिनों में भारत में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. कल यानी मंगलवार (26 दिसंबर) को ही लद्दाख के लेह में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 4.5 मापी गई थी. ये भूकंप मंगलवार की सुबह 4.33 बजे आया.
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An earthquake of magnitude 3.4 on the Richter Scale hit Assam's Tezpur at 5:53 am today: National Center for Seismology pic.twitter.com/PxEsxI51fq
— ANI (@ANI) December 27, 2023
दिसंबर में दूसरी बार आया असम में भूकंप
बता दें कि दिसंबर के महीने में ये दूसरी बार है जब असम के किसी इलाके में भूंकप के झटके महसूस किए गए हों. इससे पहले 7 दिसंबर को गुवाहाटी में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. एनसीएक्स ने बताया था कि ये भूकंप सुबह 5.42 बजे आया. जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.5 मापी गई थी. इस भूकंप के भी राज्य में किसी भी तरह का जान या माल का नुकसान नहीं हुआ था.
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आखिर बार-बार क्यों आ रहे हैं भूकंप के झटके
भारत ही नहीं दुनिया के कई इलाकों में इस बार सैकड़ों बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इस साल की शुरुआत में ही तुर्किए और सीरिया में जबरदस्त भूकंप आया था. 6 फरवरी को आए इस भूकंप में 60 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी, जबकि एक लाख से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. वहीं 15 लाख से अधिक लोग बेघर हो गए थे. इसके अलावा मोरक्को और अफगानिस्तान में इस भी भूकंप ने भारी तबाही मचाई. दोनों देशों में सितंबर और अक्टूबर में विनाशकारी भूकंप आए, जिसमें करीब दस हजार लोगों की मौत हो गई. इस बीच हर कोई ये जानना चहता है कि आखिर दुनियाभर बार-बार भूकंप क्यों आ रहे हैं.
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दरअसल, हमारी धरती मिट्टी की कई परतों से मिलकर बनी हुई है. इसमें सबसे मोटी परत को टेक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टेक्टोनिकल प्लेट्स अक्सर अपने स्थान से इधर उधर खिसक जाती हैं. एक जानकारी के मुताबिक, ये प्लेट्स हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपनी जगह से खिसक जाती हैं. जो वर्टिकल और हॉरिजोन्टल दोनों तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं. इस दौरान कोई प्लेट दूसरे के पास चली जाती है तो कोई प्लेट दूर हो जाती है. इस दौरान कई बार इन टेक्टोनिकल प्लेट्स में आपस में टक्कर हो जाती है. इनकी टक्कर से जो ऊर्जा पैदा होती है वह धरती के बाहर की ओर निकलने की कोशिश करती है. जिसके चलते भूकंप के छटके महसूस किए जाते हैं. टेक्टोनिक प्लेट्स सहत से करीब 30 से 50 किलोमीटर की गहराई में होती हैं.
HIGHLIGHTS
- असम में महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके
- तेजपुर में सुबह-सुबह कांपी धरती
- रिक्टर पैमाने पर 3.4 मापी गई भूकंप की तीव्रता
Source : News Nation Bureau